Edited By Kuldeep, Updated: 23 Dec, 2025 10:00 PM

हिमाचल प्रदेश पारंपरिक उद्योगों के साथ-साथ भविष्य की तकनीकों और उभरते क्षेत्रों में भी मजबूत कदम बढ़ा रहा है। यह बात उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने शिमला से जारी बयान में कही।
शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश पारंपरिक उद्योगों के साथ-साथ भविष्य की तकनीकों और उभरते क्षेत्रों में भी मजबूत कदम बढ़ा रहा है। यह बात उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने शिमला से जारी बयान में कही। उन्होंने कहा कि राज्य में औद्योगिकीकरण को नई गति देने के लिए सरकार ने ग्रीन मोबिलिटी, रक्षा उत्पादन, फार्मा, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस, इलैक्ट्रॉनिक चिप्स और डेटा सैंटर जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता सूची में शामिल किया है। सरकार की यह रणनीति उद्योग लगाने के साथ स्थायी विकास रोजगार सृजन और तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण को दर्शाती है।
उन्होंने कहा कि ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देकर हिमाचल प्रदेश पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ नए रोजगार अवसर भी सृजित करना चाहता है। इलैक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और संबंधित कंपोनैंट्स के क्षेत्र में निवेश से राज्य को ग्रीन इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित करने की तैयारी है। रक्षा उत्पादन और फार्मा सैक्टर में निवेश से प्रदेश की रणनीतिक और औद्योगिक क्षमता को मजबूती मिलेगी। पहले से मजबूत फार्मा उद्योग वाले राज्य में उन्नत तकनीक और अनुसंधान आधारित निवेश से नए आयाम खुलने की उम्मीद है।
एआई और डेटा सैंटर डिजिटल भविष्य की नींव
उद्योग मंत्री ने कहा कि एआई, इलैक्ट्रॉनिक चिप्स और डेटा सैंटर जैसे क्षेत्र हिमाचल प्रदेश को डिजिटल इंडिया के नक्शे पर नई पहचान दिला सकते हैं। इन क्षेत्रों में निवेश से युवाओं को हाई स्किल नौकरियां मिलेंगी और राज्य का तकनीकी ईको सिस्टम सशक्त होगा। उद्योग मंत्री ने बताया कि इन सभी उभरते क्षेत्रों के अग्रणी उद्योगपतियों के साथ लगातार संवाद किया जा रहा है। उद्देश्य यह है कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक, नीतिगत और मानव संसाधन क्षमताओं को सामने रखकर नए निवेश को आकर्षित करने की ठोस रणनीति तैयार की जाए।