Edited By Kuldeep, Updated: 26 Jul, 2025 07:30 PM

प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला एसपी संजीव कुमार गांधी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने झूठा शपथपत्र दायर कर अदालत को गुमराह करने की कोशिश करने पर आईपीएस अधिकारी संजीव गांधी की माफी को स्वीकार कर लिया है।
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला एसपी संजीव कुमार गांधी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने झूठा शपथपत्र दायर कर अदालत को गुमराह करने की कोशिश करने पर आईपीएस अधिकारी संजीव गांधी की माफी को स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने संजीव कुमार गांधी की ओर से मांगी गई माफी को स्वीकारते हुए उन्हें जारी कारण बताओ नोटिस को रद्द कर दिया। कोर्ट ने संजीव गांधी को आदेश दिए थे कि वह यदि वांछित हो तो तीन सप्ताह के भीतर जवाब दायर कर यह बताएं कि क्यों न उनके खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाए।
न्यायाधीश राकेश कैंथला ने एक आपराधिक अपील की सुनवाई के दौरान पाया था कि सर्वोच्च न्यायालय ने नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटैंस एक्ट के जिस प्रावधान को असंवैधानिक घोषित किया है उसे फिर से दोहराते हुए राज्य सरकार ने सजा के निलंबन का विरोध किया। अपीलकर्त्ता गुड्डू राम द्वारा सजा के निलंबन को लेकर दायर आवेदन के जवाब में दायर रिपोर्ट में हलफनामा सजीव कुमार गांधी, तत्कालीन एसपी, शिमला द्वारा शपथ पत्र दायर किया गया था।
कोर्ट ने प्रथम दृष्टया इस शपथपत्र को झूठा पाया था और कहा था कि हलफनामा दायर करके अदालत को गुमराह करने का प्रयास प्रतीत होता है। इसलिए, इन परिस्थितियों में, संजीव कुमार गांधी को तीन सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था। गांधी ने अपने जवाब के साथ माफीनामा भी दिया जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर उन्हें जारी नोटिस को रद्द कर दिया।