Shimla: फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर नौकरी लेने वाला शिक्षक टर्मिनेट

Edited By Kuldeep, Updated: 03 May, 2025 09:30 PM

shimla fake certificate job teacher terminate

शिक्षा विभाग ने जिला शिमला के जीएसएसएस देइया के टीजीटी (आर्ट्स) शिक्षक को फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करके अनुसूचित जाति श्रेणी कोटे का लाभ अवैध रूप से प्राप्त करने पर टर्मिनेट किया है।

शिमला (ब्यूरो): शिक्षा विभाग ने जिला शिमला के जीएसएसएस देइया के टीजीटी (आर्ट्स) शिक्षक को फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करके अनुसूचित जाति श्रेणी कोटे का लाभ अवैध रूप से प्राप्त करने पर टर्मिनेट किया है। विभाग के निदेशक आशीष कोहली की ओर से यह आदेश जारी हुए हैं। जानकारी के अनुसार अनुसूचित जाति बेरोजगार संघ, हिमाचल प्रदेश की ओर से सचिव (शिक्षा) कार्यालय को इसकी शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उक्त अध्यापक को विभाग द्वारा टीजीटी (कला) के रूप में कार्यालय आदेशों के अनुसार 18.02.2009 के तहत नियुक्त किया गया था, जो बैचवाइज आधार पर अनुसूचित जाति (आईआरडीपी) के लिए आरक्षित पद के विरुद्ध क्रम संख्या 25 पर उपस्थित हुआ था, जबकि वह अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित नहीं है।

इस दौरान पुलिस स्टेशन नेरवा में भी इस मामले पर एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें आरोप लगाया गया है कि सामान्य जाति का सदस्य होने के नाते, उन्होंने इस विभाग में टीजीटी (कला) के रूप में नौकरी पाने के लिए वर्ष 2009 में फर्जी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। इसके बाद नियुक्ति आदेश की जांच की गई है और यह पाया गया है कि शिक्षक को अनुबंध के आधार पर टीजीटी (कला) के रूप में नियुक्त किया गया था।

इस दौरान शिक्षक प्रथम नियुक्ति पर मैडीकल फिटनैस प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए मैडीकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित हुए तथा इस प्रमाण-पत्र में उन्होंने कॉलम संख्या 2 के समक्ष अपनी श्रेणी अनुसूचित जाति लिखी है, जबकि विभाग द्वारा पत्र संख्या ईडीएन-एच(2)बी(2)-1/2016-अंतिम शैली के तहत 20.06.2017 को टीजीटी की अंतिम वरिष्ठता सूची प्रसारित की गई, जिसमें उनका नाम क्रमांक 2027 पर अंकित है तथा उन्हें एससी वर्ग में वरिष्ठता संख्या 16862 आबंटित की गई है।

शिक्षक ने गलत अनुसूचित जाति श्रेणी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करके कार्यालय आदेश दिनांक 28.02.2009 की शर्तों का उल्लंघन किया है, जिसमें क्रम संख्या 14 में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि यदि अभ्यर्थी द्वारा प्रस्तुत या दिया गया कोई भी प्रमाण पत्र/सूचना गलत/झूठी पाई जाती है तो बाद में उसकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी।

3 फरवरी 2025 को शिक्षक को जारी हुआ नोटिस
मामला सामने आने के बाद 3 फरवरी 2025 को शिक्षक को विभाग की ओर से नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा कि किस आधार पर उन्होंने संबंधित प्राधिकारी से गलत अनुसूचित जाति श्रेणी प्रमाण पत्र प्राप्त किया और एससी (आईआरडीपी) श्रेणी के लिए आरक्षित पद के खिलाफ टीजीटी (कला) के रूप में नियुक्ति प्राप्त की, जबकि उन्हें अच्छी तरह से पता है कि वह एससी श्रेणी से संबंधित नहीं है।

नोटिस के जवाब में शिक्षक ने प्रिंसीपल, जीएसएसएस देइया जिला शिमला को ई-मेल के माध्यम से अपना जवाब प्रस्तुत करने के लिए चार सप्ताह का समय देने का अनुरोध किया। हालांकि बाद में शिक्षक ने जवाब दिया, जिसे असंतोषजनक और अस्वीकार्य पाया गया है, क्योंकि रिकॉर्ड में यह साबित हो चुका था कि शिक्षक ने अनुसूचित जाति (आईआरडीपी) श्रेणी के लिए आरक्षित पद के विरुद्ध टीजीटी (कला) के रूप में नियुक्ति प्राप्त की है, जबकि वह अनुसूचित जाति श्रेणी से संबंधित नहीं हैं। ऐसे में अब शिक्षक की सेवाएं समाप्त की गई हैं।

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