Edited By Kuldeep, Updated: 02 Aug, 2024 08:58 PM
फर्जी आयुष्मान कार्ड मामले की जांच में जुटी ईडी को दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब और हिमाचल के कांगड़ा, ऊना, शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों के 20 स्थानों पर दी गई दबिश के दौरान 88 लाख की नकदी, 4 बैंक लॉकर और 140 बैंक खातों का रिकार्ड मिला है।
शिमला (राक्टा): फर्जी आयुष्मान कार्ड मामले की जांच में जुटी ईडी को दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब और हिमाचल के कांगड़ा, ऊना, शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों के 20 स्थानों पर दी गई दबिश के दौरान 88 लाख की नकदी, 4 बैंक लॉकर और 140 बैंक खातों का रिकार्ड मिला है। इसके अलावा ईडी ने कई अचल और चल संपत्तियों, खातों और अन्य दस्तावेजों के अलावा मोबाइल फोन, आईपैड, हार्ड डिस्क और पैन ड्राइव के रूप में 16 डिजिटल उपकरण भी जब्त किए हैं। इनमें एबी-पीएमजेएवाई, हिमकेयर और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं से संबंधित दावों और दस्तावेजों से जुड़ा रिकार्ड है। ईडी ने दबिश दिए जाने के 2 दिन बाद यह खुलासा किया है। इसके तहत स्पष्ट किया गया है कि जब्त किए गए दस्तावेजों में अस्पतालों के दावों के बारे में जानकारी है और इसमें 23 हजार मरीजों के लिए 21 करोड़ रुपए के संदिग्ध लेन-देन शामिल हैं। तलाशी में कई ऐसे मामले भी सामने आए, जिनमें सरकार को किए गए दावों और अस्पताल में मौजूद फाइलों में मौजूद वास्तविक आंकड़ों में भारी अंतर था। यह भी पाया गया कि मरीजों के नाम पर किए गए दावों से संबंधित कई फाइलें गायब हो गई हैं।
ईडी ने राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ऊना द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। सामने आया है कि बांके बिहारी अस्पताल के अलावा श्री बालाजी अस्पताल, सूद नर्सिंग होम, फोर्टिस अस्पताल और श्री हरिहर अस्पताल आदि ने एबी-पीएमजेएवाई का लाभ उठाया। जांच के दौरान, 373 फर्जी आयुष्मान कार्ड की पहचान की गई है, जिनमें उक्त आयुष्मान कार्ड लाभार्थियों को दिए गए उपचार के नाम पर सरकार से प्रतिपूर्ति के लिए लगभग 40.68 लाख रुपए (लगभग) का दावा किया गया था। ऐसे फर्जी लाभार्थियों की सूची में रजनीश कुमार और पूजा धीमान के नाम शामिल हैं, जिन्होंने सत्यापन करने पर ऐसे किसी भी पीएमजेएवाई कार्ड के होने या उसकी कोई जानकारी होने से भी इंकार किया। इसके अलावा ये भी स्पष्ट किया है कि उन्होंने उक्त में से किसी भी अस्पताल में ऐसा कोई इलाज नहीं करवाया।
इन अस्पतालों में दी थी दबिश
ईडी ने बीते दिन श्री बांके बिहारी अस्पताल, फोर्टिस अस्पताल हिमाचल हैल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड, सिटी सुपर स्पैशलिटी अस्पताल, श्री बालाजी अस्पताल, श्री हरिहर अस्पताल, सूद नर्सिंग होम, नीलकंठ अस्पताल के साथ ही इन निजी स्वास्थ्य संस्थानों के कर्त्ता-धर्त्ताओं के आवासीय परिसर में भी दबिश दी थी।
अपराध की आय 25 करोड़ रुपए के आसपास
ईडी के अनुसार अब तक की गई जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उसके तहत मामले में अपराध की आय लगभग 25 करोड़ रुपए है। एबी-पीएमजेएवाई के कथित उल्लंघन के लिए अब तक हिमाचल प्रदेश में 8937 आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं। जांच में यह भी पता चला कि कुछ अस्पतालों को प्रक्रियाओं व दिशा-निर्देशों का पालन न करने के लिए आयुष्मान भारत योजना से हटा दिया गया था।