Edited By Kuldeep, Updated: 06 Dec, 2025 09:10 PM

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आईजीएमसी सभागार में केंद्रीय छात्र संघ के आयोजित वार्षिक समारोह स्टीमुल्स की अध्यक्षता करते हुए डाक्टरों के लिए इंसैंटिव पॉलिसी लाने की घोषणा की।
शिमला (संतोष): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आईजीएमसी सभागार में केंद्रीय छात्र संघ के आयोजित वार्षिक समारोह स्टीमुल्स की अध्यक्षता करते हुए डाक्टरों के लिए इंसैंटिव पॉलिसी लाने की घोषणा की। यह इंसैंटिव विभिन्न मानकों पर आधारित होगा। उन्होंने कहा कि आगामी बजट में पीजी रैजीडैंट छात्रों को प्रथम वर्ष में 50 हजार, द्वितीय वर्ष में 60 हजार और तृतीय वर्ष में 65 हजार रुपए प्रतिमाह करने का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि आईजीएमसी के छात्र हर क्षेत्र में सराहनीय प्रदर्शन करते हैं।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान कर रहे छात्रों और डाक्टरों को सम्मानित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्रों ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। प्रधानाचार्य डा. सीता ठाकुर ने मुख्यमंत्री को कालेज की विभिन्न गतिविधियों, सुविधाओं और मांगों के बारे अवगत करवाया। केंद्रीय छात्र संघ के मुख्य सलाहकार डा. पुनीत महाजन ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और विविध गतिविधियों से अवगत करवाया। फोरैंसिक चिकित्सा विभाग के प्रो. पीयूष कपिला ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री ने आईजीएमसी में लैप्रोस्कोप के लिए 5 करोड़ रुपए प्रदान करने और एनैस्थीसिया विभाग के लिए 6 करोड़ प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने आईजीएमसी के छात्रावास निर्माण के लिए संबंधित अधिकारियों को भूमि हस्तांतरण शीघ्र करने के निर्देश दिए। उन्होंने आईजीएमसी प्रधानाचार्य को केएनएच से स्त्री रोग विभाग को आईजीएमसी स्थानांतरित करने के लिए प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने को भी कहा। उन्होंने आईजीएमसी, एआईएमएसएस चमियाणा, आरपीजीएमसी टांडा, नेरचौक और हमीरपुर मैडीकल कालेजों में बोन मैरो ट्रांसप्लांट अधोसंरचना विकास के लिए 5-5 करोड़ प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने प्रदेश के पांच चिकित्सा महाविद्यालयों को विश्व स्तरीय चिकित्सा तकनीक से लैस करने की घोषणा की। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए केंद्रीय छात्र संघ को 5 लाख प्रदान करने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि चमियाणा संस्थान, आईजीएमसी और टीएमसी में स्मार्ट लैब स्थापित करने के लिए 75 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल के इतिहास में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रदेश में पहली बार रोबोटिक सर्जरी की सुविधा आरंभ की है। राज्य सरकार ने प्रदेश में आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता तथा स्वास्थ्य अधोसंरचना के विकास और विस्तार पर तीन हजार करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि व्यय करने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने पिछले तीन वर्षों में वर्तमान सरकार ने मैडीकल एजुकेशन में आधारभूत संरचना और आधुनिक उपकरणों पर 1,207 करोड़ रुपए व्यय किए हैं।