Shimla: डिपुओं में बेचे जाएंगे घरेलू उपयोग के उत्पाद, डिपो संचालकों से विभाग ने लिए सुझाव

Edited By Kuldeep, Updated: 15 Dec, 2025 09:45 PM

shimla depot manager meeting

सस्ते राशन के डिपुओं में आटा, दाल, चावल, चीनी सहित डिपुओं में घरेलू उपयोग में आने वाले अन्य सभी उत्पाद बेचने की तैयारी है।

शिमला (राजेश): सस्ते राशन के डिपुओं में आटा, दाल, चावल, चीनी सहित डिपुओं में घरेलू उपयोग में आने वाले अन्य सभी उत्पाद बेचने की तैयारी है। ऐसे में प्रदेश के डिपुओं में अन्य राशन के साथ मसाले, तेल, अन्य दालें, टूथपेस्ट सहित अन्य खाद्य पदार्थ भी सस्ते दामों पर बिकेंगे। डिपुओं में राशन के साथ अन्य नॉन कंट्रोल आइटम्स बेचने अन्य विषयों पर चर्चा व प्रदेशभर के डिपो संचालकों की समस्याओं को जानने के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग निदेशक राम कुमार गौतम ने सोमवार को प्रदेशभर के डिपो संचालकों व जिला नियंत्रकों के साथ शिमला में संयुक्त बैठक की। इस दौरान निदेशक ने डिपो संचालकों की समस्याओं को सुना और जिला नियंत्रकों को दिशा-निर्देश जारी किए कि जिला स्तर पर डिपो संचालकों की समस्याओं को समय-समय पर निवारण किया जाए क्योंकि डिपो संचालकों से प्रदेश की जनता जुड़ी हुई और सरकार की ओर से उपभोक्ताओं को दिए जाने वाले राशन को आम जनता तक पहुंचाते हैं।

बैठक के दौरान विभाग की ओर से डिपो संचालकों को कई सुझाव दिए गए। वहीं मौके पर उन सुझावों की फीडबैक भी ली गई। विभाग ने डिपो संचालकों को सुझाव दिया कि डिपुओं में राशन के साथ अन्य घरेलू उत्पाद भी बेचे जाएं। जिस पर डिपो संचालकों को कमीशन भी मिलेगी। इस पर प्रदेश डिपो संचालक समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि संचालक तैयार हैं लेकिन संचालकों पर सामान बेचने के लिए बाध्य न किया जाए यदि डिपुओं में डिमांड होगी तो वह अवश्य ही अन्य उत्पाद भी बेचेंगे। इस बैठक में डिपो संचालक समिति के पदाधिकारी सहित विभागीय अधिकारी व अन्य जिलों के जिला नियंत्रक भी मौजूद रहे।

डिपो संचालकों ने रखी समस्याएं, वन टाइम लाइसैंस बनाए विभाग
बैठक के दौरान विभाग निदेशक के समक्ष डिपो संचालक समिति ने अपनी समस्याओं को विस्तार से रखा। डिपो संचालकों ने मांग की प्रदेश के हजारों डिपो संचालकों को वन टाइम लाइसैंस बनाने की सुविधा दी जाए। हर साल डिपो संचालकों को 800 रुपए अदा कर लाइसैंस बनाना पड़ता है। हर साल 800 रुपए लाइसैंस बनाने के लिए देने पड़ते हैं वहीं एक बार फिर से संचालकों ने निदेशक के समक्ष मांग रखी कि कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र के तहत डिपो संचालकों को प्रति माह 20 हजार रुपए वेतन दिए जाने का वायदा सरकार व विभाग पूरा करे।

डिपुओंं में कई सालों पुरानी 2 जी पोस मशीनें, इंटरनैट भी मुश्किल से चलता
डिपो संचालकों ने विभाग को बताया कि डिपुओंं में कई साल पुरानी पोस मशीनें यह मशीनें 2 जी स्पोर्ट करती हैं जबकि अब जमाना 5जी का आ गया है। मशीनों में इंटरनैट भी मुश्किल चलता है। वहीं एक बार फिर से डिपो संचालकों ने विभाग से इंटरनैट कनैक्टीविटी के लिए नई सिम या वाईफाई की सुविधा मांगी। विभाग पुरानी मशीनों को बदल कर नई मशीनें दें ताकि सही तरीके से राशन वितरित हो सके।

एलोकेशन के हिसाब से नहीं पहुंच रहा राशन, खाली लौट रहे उपभोक्ता
डिपो संचालक समिति के प्रदेशाध्यक्ष अशोक कवि ने निदेशक को बताया कि प्रदेशभर के राशन गोदामों एलोकेशन के हिसाब से राशन नहीं पहुंच रहा है। विभाग राशन की एलोकेशन तो करता है लेकिन गोदामों से कम राशन डिपो संचालकों को दिया जा रहा है। सबसे अधिक परेशानी आटे में आ रही है। यदि डिपो संचालक की डिमांड 35 से 40 क्विंटल आटे की है तो 20 से 25 क्विंटल आटा ही दिया जा रहा है। जिससे उपभोक्ताओं को आटा नहीं मिल पा रहा है। वहीं विभाग माह की 10 तारीख तक राशन डिपुओं तक पहुंचाना सुनिश्चित करें।

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