Edited By Kuldeep, Updated: 23 Sep, 2023 08:10 PM

मानसूत्र सत्र में अपनी नौकरी बचाने और लिखित रूप से आश्वासन मिलने तक मांगों पर अडिग़ राज्य के रियल कोविड वारियर्ज चौथे दिन शनिवार को बैठे हुए हैं। रात खुले आसमां तले बीत रही है और दिन में वर्षा के बीच भी इनके हौसले नहीं तोड़ पाई है।
शिमला (संतोष): मानसूत्र सत्र में अपनी नौकरी बचाने और लिखित रूप से आश्वासन मिलने तक मांगों पर अडिग़ राज्य के रियल कोविड वारियर्ज चौथे दिन शनिवार को बैठे हुए हैं। रात खुले आसमां तले बीत रही है और दिन में वर्षा के बीच भी इनके हौसले नहीं तोड़ पाई है। इनके घरों में 30 सितम्बर को सेवाएं समाप्त होने के पत्र विभाग की ओर से भेजे जा रहे हैं, जबकि यह वारियर्ज शिमला में अपनी नौकरी को जाते देख तड़प उठे हंै। विभाग की ओर से इनकी सेवाएं समाप्त करने के पहले ही आदेश जारी किए जा चुके हैं, जिसके तहत 30 सितम्बर तक इन्हें विस्तार दिया गया था और इसी तारीख को उनकी सेवाएं स्वत: समाप्त होने की बात कही गई है। इसके साथ ही प्रदेश के 1840 कोविड वारियर्ज को उनके घरों पर भी पत्र भेजे जा रहे हैं।
कोविड वारियर्ज के समर्थन में विपक्ष भी विधानसभा में इस मामले को उठा चुका है और वाकआउट तक कर चुका है, लेकिन सरकार की ओर से कोई भी नुमाइंदा इन तक नहीं पहुंचा है, जिससे इन्हें अपनी नौकरी बचती हुई नजर आए। कोविड वारियर्ज का कहना है कि जब पूरे देश व प्रदेश में कोविड महामारी से ग्रसित लोगों के परिवार के सदस्य तक डर से दूर भागते थे, तो उस समय वे अपनी जान जोखिम में डाल मानवता की सेवा करते रहे और कर्मचारियों ने अपने घर-परिवार बच्चों की भी परवाह न करते हुए पूरे तन-मन से मरीजों को सेवाएं दीं, जिसके चलते उन्हें हैलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा का भी सम्मान मिला है, लेकिन आज आलम यह है कि उनकी नौकरी ही दांव पर लग गई है।
हिमाचल प्रदेश रियल कोविड वारियर्ज यूनियन की प्रदेशाध्यक्ष अंजलि भारद्वाज ने कहा कि जब तक उन्हें लिखित रूप में आश्वासन नहीं मिलता है, तब तक वह यहीं पर आंदोलन करेंगे, इसके लिए चाहे उन्हें भूख हड़ताल तक क्यों न करनी पड़े। उनकी मांग है कि उनके लिए एक अच्छी नीति बनाकर उनकी नौकरी सुरक्षित की जाए या फिर सभी स्वास्थ्य विभाग में बनी सरकारी संस्थाओं (सोसायटी) में मर्ज करके हम सभी कोविज कर्मचारियों की नौकरी को सुरक्षित किया जाए।