Shimla: मुख्यमंत्री ने करुणामूलक आधार पर रोजगार के लिए नीति तैयार करने के दिए निर्देश

Edited By Kuldeep, Updated: 24 Dec, 2024 05:29 PM

shimla chief minister compassionate employment instructions

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने करुणामूलक आधार पर रोजगार के लिए एक वृहद नीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार सभी लंबित मामलों को एक ही बार में निपटाने के लिए तत्परता से कार्य कर रही है।

शिमला (राक्टा): मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने करुणामूलक आधार पर रोजगार के लिए एक वृहद नीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार सभी लंबित मामलों को एक ही बार में निपटाने के लिए तत्परता से कार्य कर रही है। मंगलवार को सचिवालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में नीति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को करुणामूलक आधार पर रोजगार के लिए आवेदकों का विभाग, आयु तथा शैक्षणिक योग्यता अनुसार डाटा संकलित कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को 10 जनवरी 2025 को आयोजित होने वाली आगामी बैठक में अपेक्षित डाटा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सेवा के दौरान अपने परिवार के सदस्यों को खोने वाले व्यक्तियों को सरकारी क्षेत्र में रोजगार प्रदान करने के लिए उदार तथा सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपना रही है।

राज्य सरकार अधिक से अधिक आवेदकों को लाभान्वित करने के लिए सभी पहलुओं को ध्यान में रखेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार करुणामूलक आधार पर रोजगार प्रदान करने में विधवाओं तथा अनाथों को वरीयता देकर आश्रितों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने अनुकंपा नियुक्तियों के मामलों के गहन अध्ययन के लिए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उप-समिति का गठन किया है। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी और आयुष मंत्री यादविन्दर गोमा इस उप-समिति के सदस्य हैं। बैठक में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, सचिव डा. अभिषेक जैन व राकेश कंवर, विशेष सचिव वित्त रोहित जम्वाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

ये मुख्य मांगें
हिमाचल प्रदेश करुणामूलक संघ सरकार से वन टाइम सैटलमैंट के तहत सभी परिवारों को राहत देने की मांग कर रहा है। साथ ही पॉलिसी में संशोधन की मांग भी लगातार उठाई जा रही है। वित्त विभाग द्वारा निरस्त केसों पर फिर से विचार किए जाने की अधिसूचना जारी हो। 5 प्रतिशत कोटे की शर्त को हटा दिया जाए। योग्यता के अनुसार क्लास-सी व डी की सभी श्रेणियों (तकनीकी और गैर तकनीकी) के सभी पदों में नौकरियां दी जाएं। जिन विभागों में खाली पद हैं, उनसे जुड़े मामले दूसरे विभाग में शिफ्ट करके नौकरियां दी जाएं।

बैठक से पहले शिक्षा मंत्री से मिला संघ, सभी 3234 परिवारों को दे नौकरियां
बैठक से पहले संघ का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार की अध्यक्षता में शिक्षा मंत्री से मिला। इस मौके पर आग्रह किया गया कि सीएम के साथ होने वाली बैठक में निष्कर्ष निकाला जाए और करुणामूलक नौकरियां बहाल की जाएंगी। साथ ही पॉलिसी में जो अड़ंगे है, उन्हें दूर करते हुए 3234 परिवारों को नौकरियां दी जाएं। संघ का एक प्रतिनिधिमंडल शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमं सेत्रीभी मिला था। गौर हो कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में शिमला स्थित कालीबाड़ी मंदिर के समीप एक वर्षाशालिका में 432 दिन तक क्रमिक भूख हड़ताल भी की थी।

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