Shimla: भाजपा विधायक दल ने राज्यपाल को विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ सौंपा ज्ञापन

Edited By Kuldeep, Updated: 02 Sep, 2024 10:26 PM

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विधानसभा से वाकआऊट करने के बाद भाजपा विधायक दल राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिलने गया तथा उनको विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ ज्ञापन सौंपा।

शिमला (ब्यूरो): विधानसभा से वाकआऊट करने के बाद भाजपा विधायक दल राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिलने गया तथा उनको विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ ज्ञापन सौंपा। साथ ही उन्होंने राज्यपाल से प्रदेश की वर्तमान परिस्थितियों विशेषकर आर्थिक स्थिति को देखते हुए उचित कार्यवाही करने का आग्रह किया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बताया कि ज्ञापन के माध्यम से भाजपा विधायक दल ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के ध्यान में लाया कि विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया का व्यवहार सदन के अन्दर और बाहर जहां विधायकों की भावना को आहत कर रहा है, वहीं विधानसभा अध्यक्ष के संवैधानिक पद की गरिमा को भी ठेस पहुंचा रहा है।

सदन के अन्दर तो विधानसभा अध्यक्ष का रवैया पक्षपात एवं तानाशाही पूर्ण रहता है। हमेशा नियमों एवं परम्पराओं के खिलाफ काम करते हुए सत्ता पक्ष को लाभ पहुंचाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान एक कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष ने भाषण देते हुए कहा कि मैंने 6 विधायकों के सिर कलम कर दिए हैं और 3 मेरे आरे के नीचे तड़प रहे हैं, ये शब्द अलोकतांत्रिक व असंसदीय हैं और इससे विधायकों की भावना आहत हुई है। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष के साथ इस अवसर पर रणधीर शर्मा, विपिन परमार, अनिल शर्मा, इंद्रदत्त लखनपाल, राकेश जम्वाल, रीना कश्यप, प्रकाश राणा, इंदर गांधी, सुधीर शर्मा, पवन काजल, बिक्रम ठाकुर, दीपराज कपूर, दिलीप ठाकुर, आशीष शर्मा, सुरेंद्र शौरी, जीतराम कटवाल, सतपाल सत्ती, सुखराम चौधरी, हंस राज, बलबीर वर्मा व जनक राज उपस्थित रहे।

सचिव को सौंपा था नोटिस
सोमवार सुबह पहले भाजपा विधायक दल ने बैठक कर विधानसभा अध्यक्ष के व्यवहार को लेकर चर्चा की। उसके बाद विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष ने नियम 274 के तहत विधानसभा सचिव को विधानसभा अध्यक्ष को पद से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। जयराम ठाकुर ने कहा कि इसके बावजूद भी विधानसभा सत्र शुरू होने के बाद अध्यक्ष अपने आसन पर आकर बैठ गए, जबकि नैतिकता के आधार पर उन्हें संकल्प पेश होने और उस पर चर्चा तथा मतदान होने तक आसन पर नहीं आना चाहिए था लेकिन सदन ने इस पर चर्चा की अनुमति नहीं दी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के आधा घंटा पहले भाजपा विधायक दल ने नियम-67 के तहत प्रदेश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया था, जिस पर भी कोई गौर नहीं फरमाया गया।

विपक्ष लोगों के मुद्दे उठाने को लेकर गंभीर नहीं : सुक्खू
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सदन में विधानसभा अध्यक्ष विपक्ष को सत्ता पक्ष से अधिक समय बोलने के लिए दे रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद विपक्ष लोगों के मुद्दे उठाने को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सदन में अपनी बात नियमों के तहत रखे, सरकार जवाब देने को तैयार है, लेकिन विपक्ष केवल राजनीति कर रहा है।

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