Edited By Kuldeep, Updated: 13 Dec, 2025 07:01 PM

राज्य में अगले शैक्षणिक सत्र से प्रदेश के स्कूलों में छात्रों के मोबाइल ले जाने और इसके इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगेगा। इस दौरान शिक्षक भी क्लास रूम में फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
शिमला (प्रीति): राज्य में अगले शैक्षणिक सत्र से प्रदेश के स्कूलों में छात्रों के मोबाइल ले जाने और इसके इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगेगा। इस दौरान शिक्षक भी क्लास रूम में फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। उन्हें अपना फोन स्टाफ रूम में रखना पड़ेगा। उक्त आदेश लागू होने के बाद स्कूल में छात्र फोन के साथ पकड़ा जाता है तो उसका फोन जब्त किया जाएगा। जल्द ही इसको लेकर एसओपी बनाई जाएगी। स्कूलों में जैमर लगाए जाएंगे। शनिवार को समग्र शिक्षा में एलईपी 2.0 की लांचिंग व नव निर्मित विद्या समीक्षा केंद्र के शुम्भारंभ पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह जानकारी देते हुए कहा कि सरकार जल्द ही शिक्षकों के लिए नई ट्रांसफर पॉलिसी लाएगी, जिसमें कई बदलाव किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि सीबीएसई स्कूलों और राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों में शिक्षकों का सब-कैडर होगा और हर विधानसभा क्षेत्र में 8 से 9 स्कूल बैस्ट कैंपस स्कूल होंगे, जिनमें प्री-प्राइमरी से लेकर बारहवीं तक की कक्षाएं होंगी और यहां छात्रों का सभी सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने कहा है कि राज्य में अगले शैक्षणिक सत्र से तीन राजीव गांधी स्कूल शुरू किए जाएंगे। इन स्कूलों में कई नए विषय भी शुरू होंगे। इनमें संगीत से लेकर कई नए विषय शुरू किए जाएंगे। इनमें स्पोर्ट्स विषय भी शुरू होगा। इसके अलावा शिक्षा विभाग में आने वाले दिनों में नई भर्तियां भी की जाएंगी। इसमें स्थायी और अस्थाई भर्ती शामिल होगी। उन्होंने कहा है कि राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों के लिए इस बार 200 करोड़ का बजट रखा गया है।
एक कैंपस में एक ही मुखिया होगा, 40 वर्षों से एक ही ढर्रे पर चल रही थी शिक्षा व्यवस्था, बदलाव था जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा है कि 40 वर्षों से एक ही ढर्रे पर राज्य की शिक्षा व्यवस्था चल रही थी, जिसमें बदलाव जरूरी था और आने वाले समय में भी इसमें और बदलाव होगा। उन्होंने कहा कि पिछले दौरान किए गए बदलावों के सफल परिणाम सामने आने लगे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक कलस्टर स्कूलों का विरोध कर रहे हैं, लेकिन एक कैंपस में एक ही मुखिया/अधिकारी होगा। उन्होंने कहा कि इससे जे.बी.टी. शिक्षकों के अधिकार प्रभावित नहीं होंगे। उन्होंने कहा है कि अगले शैक्षणिक सत्र से बंद की गई प्राइमरी खेलों को भी शुुरू कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में 2032 तक देश का अग्रणी राज्य बनेगा।
मुख्यमंत्री ने समग्र शिक्षा की कई प्रमुख पहलों का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को समग्र शिक्षा निदेशालय पहुंचकर यहां समग्र शिक्षा की कई महत्वपूर्ण पहलों का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एल.ई.पी. 2.0 की लांचिंग के साथ नव-निर्मित विद्या समीक्षा केंद्र का उद्घाटन किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने समग्र शिक्षा निदेशालय में स्थापित एजुकेशन गैलरी, प्रोग्राम मैनेजमैंट स्टूडियो, कॉन्फ्रैंस एरिया, नया कॉन्फ्रैंस हॉल तथा सैंट्रल हीटिंग सिस्टम का भी विधिवत शुभारंभ किया। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, विधायक सुरेश कुमार एवं सुदर्शन बबलू, समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा, स्कूली शिक्षा निदेशक आशीष कोहली व अतिरिक्त निदेशक बी.आर. शर्मा, उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी सहित अनेक अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर शिक्षा क्षेत्र में व्यापक बदलाव किए गए : शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई महत्वपूर्ण पहलें शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रारंभ से ही शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। आर्थिक चुनौतियों के बावजूद सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में बजट की कटौती नहीं की। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के अनुरूप शिक्षा विभाग को उदारतापूर्वक बजट उपलब्ध करवाया गया। शिक्षण संस्थानों में रोजगारोन्मुख नए विषय आरंभ किए गए हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए लगभग 7,000 पदों पर भर्तियां की गई हैं। उन्होंने कहा कि परख सर्वेक्षण में हिमाचल प्रदेश ने समग्र रूप से पांचवां स्थान प्राप्त किया है।
मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच, शिक्षा मंत्री के प्रयासों से शिक्षा में अभूतपूर्व बदलाव : राजेश शर्मा
समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि वर्ष 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल के दौरे के बाद लगभग 24 वर्षों में यह पहला अवसर है, जब कोई मुख्यमंत्री समग्र शिक्षा निदेशालय पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि समयाभाव के बावजूद मुख्यमंत्री द्वारा यहां आकर मार्गदर्शन देना अत्यंत प्रेरणादायी है। राजेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच, स्पष्ट विजन और निरंतर मार्गदर्शन और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के सतत् प्रयासों से शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े और अभूतपूर्व कदम उठाए गए हैं। राजेश शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार से प्राप्त अनुदान के प्रभावी उपयोग को लेकर पहले बड़ी चुनौतियां थीं और राज्य सामान्यत: 60 से 65 प्रतिशत तक ही बजट खर्च कर पाता था, लेकिन वर्तमान सरकार के कार्यकाल में यह खर्च बढ़कर 95 से 100 प्रतिशत तक पहुंच गया है।