Edited By Kuldeep, Updated: 18 Jul, 2025 09:16 PM

हिमाचल सरकार ने वन भूमि पर लगाए गए फलों से लदे सेब के पेड़ों को काटने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया है।
शिमला (ब्यूरो): हिमाचल सरकार ने वन भूमि पर लगाए गए फलों से लदे सेब के पेड़ों को काटने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर इसके लिए मसौदा तैयार कर लिया है। राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि फलों से लदे पेड़ों के कटान से पर्यावरण को नुक्सान हो सकता है। इस तर्क के साथ सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी। उन्होंने कहा कि बरसात में फलदार पेड़ों के कटान से होने वाले भूमि कटाव के चलते आपदा के खतरे को भी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा जाएगा।
महाधिवक्ता और वन विभाग को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं। याद रहे कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कोर्ट के आदेशों का पालन किया जा रहा है, लेकिन अतिक्रमण लोगों ने किया है, इसलिए नाजायज कब्जा करने वालों को बेदखल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वन भूमि पर लगे बगीचों को सरकार नीलामी करेगी या अन्य विकल्प अपनाएगी। इन सब विषय को कोर्ट के समक्ष रखा जाएगा। याद रहे कि शिमला जिले के कोटखाई के चौथला, कुमारसैन सहित अन्य क्षेत्रों में उच्च न्यायालय के आदेशों पर इन दिनों सेब के पौधों को काटा जा रहा है। हिमाचल किसान सभा ने इस मामले को लेकर 29 जुलाई को प्रदेश सचिवालय का घेराव करने का भी ऐलान कर रखा है।
श्रीखंड महादेव पर्यटक मौत मामले के जांच के आदेश
जगत सिंह नेगी ने कहा कि श्रीखंड महादेव पर्यटक की मौत मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि श्रीखंड यात्रा के दौरान एक सैलानी की तबीयत खराब हो गई थी, उसे तुरंत रैस्क्यू किया गया। उसे ठेकेदार के श्रमिकों की मदद से सिंघाड़ बेस कैंप तक पहुंचाया गया। इसके अलावा श्रमिकों ने सैलानियों से पैसों की मांग की। हालांकि बाद में यह राशि सैलानियों को वापस कर दी गई। इस मामले की जांच का जिम्मा एसडीएम निरमंड को दिया गया है। साथ ही संबंधित श्रमिकों व ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है।