Edited By Kuldeep, Updated: 07 Jul, 2025 09:19 PM

राज्य में लोक सेवकों की गिरफ्तारी से पहले पुलिस को अब राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी। प्रदेश सरकार की ओर से इस बारे बीते वर्ष बनाए कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है।
शिमला (कुलदीप): राज्य में लोक सेवकों की गिरफ्तारी से पहले पुलिस को अब राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी। प्रदेश सरकार की ओर से इस बारे बीते वर्ष बनाए कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। संशोधित अधिनियम के तहत इसमें एक महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल किया गया है, जिसमें कोई भी पुलिस अधिकारी राज्य सरकार की पूर्व अनुमति के बिना किसी लोक सेवक को गिरफ्तार नहीं कर सकेगी।
यह संशोधन लोक सेवकों की सुरक्षा और कार्य निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से इस अधिनियम को संशोधन के बाद राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया था। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद विधि विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी करके इसे अब राजपत्र में भी प्रकाशित कर दिया गया है।
पुलिस कांस्टेबलों व हैड कांस्टेबलों का अब स्टेट काडर
अब राज्य में पुलिस कांस्टेबलों व हैड कांस्टेबलों का स्टेट काडर होगा। राज्य सरकार की ओर से लाए गए संशोधन के अनुसार अब राज्य में कार्यरत 35 हजार से अधिक ग्रेड-2 पुलिस कांस्टेबल और हैड कांस्टेबल अब राज्य कॉडर में आ गए हैं। पहले ये पुलिस कर्मी जिला कॉडर में आते थे और उनका तबादला केवल अपने ही जिले के थानों के भीतर होता था। अब इनको दूसरे जिले में स्थानांतरित किया जा सकेगा।
सरकार के अनुसार यह निर्णय पुलिस विभाग की कार्यक्षमता और सेवा गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से लिया गया है। इसके साथ ही अब जो नई भर्तियां होंगी, वे भी राज्य सरकार की ओर से निर्धारित भर्ती और पदोन्नति नियमों के तहत ही की जाएंगी। इससे पहले ग्रेड-2 के तहत आने वाले कांस्टेबल और हैड कांस्टेबल एक ही जिले में कार्यरत रहते थे और उनका तबादला सिर्फ एक थाना से दूसरे थाना तक ही सीमित था।