Edited By Kuldeep, Updated: 11 Jul, 2025 09:28 PM

प्रदेश हाईकोर्ट ने कर्मचारियों के तबादले करने से जुड़ी सरकार की शक्तियों पर कहा है कि यह प्रशासनिक आवश्यकता अथवा सुविधा को ध्यान में रखते हुए किसी कर्मचारी का स्थानांतरण करना राज्य सरकार का विशेषाधिकार हो सकता है, लेकिन राज्य सरकार को ऐसा करते समय...
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने कर्मचारियों के तबादले करने से जुड़ी सरकार की शक्तियों पर कहा है कि यह प्रशासनिक आवश्यकता अथवा सुविधा को ध्यान में रखते हुए किसी कर्मचारी का स्थानांतरण करना राज्य सरकार का विशेषाधिकार हो सकता है, लेकिन राज्य सरकार को ऐसा करते समय अपनी तबादला नीति को भी ध्यान में रखना चाहिए। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने याचिकाकर्त्ता प्यार चंद के तबादला आदेश को खारिज करते हुए यह कहा।
कोर्ट ने कर्मचारियों के तबादले करते समय तबादला नीति में दी गई रियायतों को भी ध्यान में रखने की आवश्यकता है। मामले के अनुसार याचिकाकर्त्ता ने 6 मई को जारी तबादला आदेश जिसके उसे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला साहो, जिला चंबा के अंतर्गत राजकीय माध्यमिक पाठशाला राजिंदू को कोर्ट में चुनौती दी थी।
याचिका का मुख्य आधार यह था कि यद्यपि याचिकाकर्त्ता ने जीएचएस जुम्हार में अपना सामान्य कार्यकाल पूरा कर लिया है और उसका स्थानांतरण किया जा सकता था, लेकिन उसे एक उप-संवर्ग कठिन क्षेत्र से दूसरे उप-संवर्ग कठिन क्षेत्र में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता था। चूंकि दोनों क्षेत्र कठिन क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं, इसलिए, याचिकाकर्त्ता अपनी पसंद के किसी अन्य स्थान पर अपनी नियुक्ति चाहता था। याचिकाकर्त्ता के आधारों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने 16 मई 2025 को जारी आदेश में सक्षम प्राधिकारी/स्कूल शिक्षा निदेशक, को एक सप्ताह के भीतर प्रार्थी के अभ्यावेदन पर कानून और लागू नीति के अनुसार निर्णय लेने को कहा गया।