Shimla: राजस्व विभाग हुआ पेपरलैस, घर बैठे होगा जमीन रजिस्ट्री के लिए पंजीकरण

Edited By Kuldeep, Updated: 11 Jul, 2025 07:38 PM

shimla revenue department paperless

नागरिकों को अपनी जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए केवल एक बार कार्यालय जाना होगा। वे घर बैठे किसी भी समय और कहीं से भी भूमि पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकेंगे, जिससे उनका समय और श्रम बचेगा।

शिमला (भूपिन्द्र): नागरिकों को अपनी जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए केवल एक बार कार्यालय जाना होगा। वे घर बैठे किसी भी समय और कहीं से भी भूमि पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकेंगे, जिससे उनका समय और श्रम बचेगा। ऐसे में अब घर बैठे भूमि की रजिस्ट्री होगी। इसके लिए माई डीड एनजीडीआरएस (नैशनल जैनरिक डॉक्यूमैंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम) पायलट प्रोजैक्ट राज्य में 10 जिलों की 1-1 तहसील में शुरू किया गया है। यह प्रोजैक्ट बिलासपुर जिले की बिलासपुर सदर तहसील, जिला चम्बा की डलहौजी तहसील, जिला हमीरपुर की गलोड़ तहसील, जिला कांगड़ा की जयसिंहपुर तहसील, जिला कुल्लू की भूंतर, जिला मंडी की पधर तहसील, जिला शिमला की कुमारसैन, जिला सिरमौर की राजगढ़, जिला सोलन की कंडाघाट तहसील तथा जिला ऊना की बंगाणा तहसील में शुरू किया गया है। इस पहल से जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया को और अधिक सरल और सुविधाजनक बनाया जा सकेगा।

यह बात राजस्व विभाग की बैठक के उपरांत पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि सत्ता में आते ही उन्होंने पुरानी ढर्रे पर चल रही व्यवस्था को बदलने का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान में तकनीक का युग है। इस कड़ी में सरकार राजस्व विभाग में सारी प्रक्रिया को डिजीटलाइज कर रहे हैं। इस कड़ी में मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को जमाबंदी, ई-रोजनामचा वाक्याती और कारगुजारी पहलों का शुभारंभ किया, ताकि राजस्व विभाग के कार्यों को और बेहतर बनाया जा सके और लोगों के लिए पंजीकरण व अन्य प्रक्रियाएं सरल व सुगम हो सकें।

उन्होंने कहा कि नई जमाबंदी का प्रारूप सरल हिंदी में तैयार किया गया है। इसमें अब उर्दू, अरबी और फारसी जैसी पुरानी भाषाओं को हटाया गया है ताकि आम लोग भूमि रिकॉर्ड को आसानी से समझ सकें। ई-रोजनामचा वाक्याती से पटवारियों को प्रतिदिन की गतिविधियों का डिजिटल रिकॉर्ड रखने में सुविधा मिलेगी, ताकि इसमें छेड़खानी न हो। कारगुजारी प्रणाली से वे अपनी दैनिक हाजिरी ऑनलाइन लगा सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस सुविधा से अब तहसीलदार भी अपने कार्यों की निगरानी अधिक प्रभावी ढंग से कर सकेंगे। इस मौके पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, विधायक व वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

ऑनलाइन होगी म्यूटेशन
अब रजिस्ट्री के कुछ दिनों के बाद स्वयं ही म्यूटेशन ऑनलाइन होगी। उन्होंने एन.आई.सी. को निर्देश दिए कि 15 दिनों के भीतर ऑनलाइन म्यूटेशन मॉडयूूल विकसित किया जाए और इसे जमाबंदी रिकॉर्ड से सीधे जोड़ा जाए, जिससे म्यूटेशन पंजीकरण की प्रक्रिया में तेजी आएगी। इससे लोगों को म्यूटेशन के लिए पटवारियों व तहसीलदारों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक का उपयोग सेवाओं को बेहतर बनाने, पारदर्शिता लाने और राजस्व सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाने के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें ऐसी व्यवस्था की ओर बढ़ना है जो पेपरलैस, प्रैजैंसलैस और कैशलैस हो ताकि लोगों को घर बैठे सरकारी सेवाएं सुनिश्चित हो सकें।

10 दिनों के भीतर डिजिटल हस्ताक्षर युक्त जमाबंदी मॉडयूल तैयार करने के दिए निर्देश
उन्होंने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) और डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं शासन विभाग को निर्देश दिए कि राजस्व सेवाओं को अधिक प्रभावी और जन हितैषी बनाने के लिए विभिन्न डिजिटल मॉडयूल्स पर तेजी से कार्य करें। मुख्यमंत्री ने 10 दिनों के भीतर डिजिटल हस्ताक्षर युक्त जमाबंदी मॉडयूल तैयार करने के भी निर्देश दिए ताकि लोगों को ‘फर्द’ (भूमि रिकॉर्ड की प्रति) प्राप्त करने के लिए पटवारखानों के चक्कर न काटने पड़ें।

राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली होगी ऑनलाइन व पेपरलैस
मुख्यमंत्री ने 15 दिनों के भीतर एक ऑनलाइन, पेपरलैस राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली तैयार करने के निर्देश दिए, जिससे लोग ऑनलाइन याचिकाएं दायर तथा समन व अपडेट डिजिटल माध्यम से प्राप्त कर सकें। इससे प्रक्रिया में तेजी आएगी और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे इन सभी पहलों को जमीनी स्तर पर सक्रिय रूप से लागू करें ताकि लोग इन डिजिटल सेवाओं का पूर्ण लाभ उठा सकें।

खान्गी तकसीम को मिशन मोड पर अपनाएं अधिकारी
उन्होंने विशेष रूप से उन मामलों में जहां भूमि एक से अधिक लोगों के संयुक्त नाम पर है के लिए ‘खान्गी तकसीम’ को मिशन मोड में अपनाने के भी निर्देश दिए। इससे ‘सिंगल खाता, सिंगल ओनर’ की अवधारणा को बढ़ावा मिलेगा और भूमि रिकॉर्ड अधिक सरल व स्पष्ट बनेंगे। इससे एक परिवार का एक खसरा नंबर होगा।

जमीन का होगा एक आधार नंबर
उन्होंने कहा कि राज्य में भू-आधार शुरू करने जा रहे हैं। इसमें जमीन का एक आधार नंबर होगा। जमीनों को आधार कार्ड व हिम परिवार से जोड़ा जाएगा, ताकि जमीन के मामले में आम जनता को तकलीफ न हो।

90 फीसदी गांव के नक्शे भू-नक्शा पोर्टल पर अपलोड
सीएम ने कहा कि सरकार ने राज्य के 21 हजार गांव में से 90 फीसदी गांव के नक्शे को भू-नक्शा पोर्टल पर अपलोड कर दिया है। इसके अलावा 1.44 करोड़ खसरा नंबर में से 1.19 करोड़ खसरा नंबर को यूनिक आईडैंटीफिकेशन नंबर यानि भू आधार जैनरेट कर दिया है। यानि 83 फीसदी खसरा नंबर का भू-आधार नंबर जैनरेट कर दिया है। साथ ही 71 फीसदी खातों को आधार से जोड़ दिया है तथा बचे 30 प्रतिशत भूमि मालिकों की आधार सीडिंग की जा रही है। इस वर्ष के अंत तक रैवेन्यू कोर्ट केस फाइलिंग व कोर्ट केस मैनेजमैंट के साथ म्यूटेशन को पूरी तरह से डिजिटाइज कर लिया जाएगा।

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