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Himachal: कृ​षि में अधिक कीटनाशकों के प्रयोग से बड़ रही कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी

Edited By Kuldeep, Updated: 10 Aug, 2024 04:49 PM

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कृषि व बागवानी में आवश्यकता से अधिक कीटनाशकों के प्रयोग से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के मामले बढ़ रहे हैं। प्रदेश में 80 से 90 फीसदी किसान व बागवान वैज्ञानिक तरीके से कीटनाशकों की स्प्रे नहीं कर रहे हैं।

शिमला (भूपिन्द्र): कृषि व बागवानी में आवश्यकता से अधिक कीटनाशकों के प्रयोग से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के मामले बढ़ रहे हैं। प्रदेश में 80 से 90 फीसदी किसान व बागवान वैज्ञानिक तरीके से कीटनाशकों की स्प्रे नहीं कर रहे हैं। वे दुकान में जाते हैं तथा दुकानदार जो भी कीटनाशक उन्हें देता है, वह उसकी स्प्रे कर देते हैं। चाहे उससे फायदा हो या न हो। यह खुलासा हिमोर्ड (हिमालय ऑर्गेनाइजेशन फॉर ऑर्गेनिक एग्री प्रोडक्ट एंड रिसर्च डिवैल्पमैंट) द्वारा किए गए शोध में हुआ है।

शोध में सामने आया है कि किसान अंधाधुंध कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं। इससे बीमारियां पैदा हो रही हैं। इसके कई कारण हैं। एक तो लोग सीधे उन खाद्य पदार्थों का उपयोग कर रहे हैं। दूसरा पहाड़ों व खेतों में जितने भी कीटनाशकों का उपयोग स्प्रे के रूप में होता है, वह बारिश के पानी के साथ पीने के पानी में मिल जाता है। इस कारण बीमारियां अधिक फैल रही हैं। सर्वे में सामने आया है कि पहले प्रदेश में कैंसर के मरीज बहुत ही कम होते थे, लेकिन अब कैंसर अस्पतालों में लाइनें लगी रहती हैं तथा कई कैंसर मरीज तो पैसों के अभाव में अस्पताल तक पहुंच ही नहीं पाते हैं।

प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता
इस समस्या से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। हिमोर्ड के निदेशक डा. आरएस मिन्हास ने कहा कि लोगों को जागरूकता के साथ-साथ सरकार के कार्यक्रमों को सही दिशा में ले जाने की जरूरत है। इस समय हिमाचल में 70 फीसदी भूमि पर कीटनाशकों का उपयोग नहीं होता है। यदि इस भूमि पर व्यावसायिक खेती की जाए तो किसानों के साथ-साथ प्रदेश की आय में बढ़ौतरी होगी।

युवाओं को नहीं मोड़ पा रहे खेती की ओर
उन्होंने कहा कि हिमाचल में युवाओं को खेती की ओर नहीं मोड़ पा रहे हैं। वर्तमान समय में बड़े किसान का बेटा भी 5000 रुपए की नौकरी कर लेता है, लेकिन वह खेत में काम नहीं करना चाहता है। हमे इस एप्रोच को बदलना होगा, क्योंकि ऐसा वक्त आ सकता है कि जेब में पैसा तो होगा, लेकिन अन्न नहीं होगा।

किसानों व बागवानों को जैविक खेती की ओर प्रोत्साहित करेंगे एचएफआरआई व हिमोर्ड
एचएफआरआई व हिमोर्ड मिलकर किसानों व बागवानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इसके तहत एच.एफ.आर.आई. द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की हिमोर्ड मार्कीटिंग करेगा।

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