कृषि विभाग में कर्मचारियों का किया जाएगा युक्तिकरण : सुखविंदर सिंह सुक्खू

Edited By Kuldeep, Updated: 13 Aug, 2024 10:03 PM

shimla agriculture department staff rationalization

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को कृषि विभाग में कर्मचारियों के युक्तिकरण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए विभाग में खाली पदों को तुरंत भरा जाएगा।

शिमला (ब्यूरो): मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को कृषि विभाग में कर्मचारियों के युक्तिकरण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए विभाग में खाली पदों को तुरंत भरा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 70 फीसदी आबादी खेतीबाड़ी से जुड़ी हुई है और सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की आय बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था राज्य सरकार का प्राथमिक क्षेत्र है और इसको प्रोत्साहित करने के लिए 2024-25 के बजट में विशेष पहल की गई हैं।

यह बात उन्होंने मंगलवार को शिमला में कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए कही। इस दौरान उन्होंने राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से तैयार किए उत्पादों के विशिष्ट ट्रेडमार्क के तहत ब्रांडिंग की जाए ताकि किसानों को उनकी उपज के बेहतर दाम मिल सकें। उन्होंने उत्पादों के प्रमाणीकरण के लिए व्यापक तंत्र विकसित करने और राज्य में मिट्टी की जांच के लिए विशेष लैब स्थापित करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बढ़ रहे कैंसर के मामलों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने किसानों से रसायन मुक्त खेती की पद्धति अपनाने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि पशुपालन और प्राकृतिक खेती दोनों ही संबद्ध गतिविधियां हैं, इसलिए राज्य सरकार प्राकृतिक खेती कलस्टरों में देसी गायों और भैंसों की खरीद के लिए किसानों को वित्तीय सहायता बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य की जलवायु डेयरी क्षेत्र के लिए सबसे अनुकूल है और इसका लाभ उठाकर किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि की जा सकती है जिससे उनकी आर्थिकी भी मजबूत होगी। कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, सचिव कृषि सी. पालरासू, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक कृषि कुमुद सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में उपस्थित थे।

जायका और मिल्कफैड के कामकाज में अपनाई जाएगी डिजिटल पद्धति
उन्होंने प्राकृतिक खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन और मधुमक्खी पालन को एकीकृत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने जायका और मिल्कफैड के कामकाज की भी समीक्षा की और कार्य में डिजिटल पद्धति अपनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास कर रही है।

पारंपरिक कूहलों के जीर्णोद्धार और मुरम्मत के लिए दी जाएगी पर्याप्त धनराशि
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में कृषि विभाग और जल शक्ति विभाग, जायका व शिवा परियोजनाओं के सहयोग से एकीकृत सिंचाई योजनाओं को क्रियान्वित करेगा ताकि किसानों को अधिकतम लाभ मिले और इन योजनाओं को व्यावहारिक बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार पारंपरिक कूहलों के जीर्णोद्धार और मुरम्मत के लिए पर्याप्त धनराशि सुनिश्चित करेगी। उन्होंने संबंधित जिलों में विशिष्ट फसल उत्पादन आवश्यकताओं के अनुसार कोल्ड स्टोर स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जायका के तहत गेहूं और मक्का के भंडारण के लिए साइलो स्थापित किए जाएंगे।

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