BJP चार्जशीट में लगाए आरोपों की जांच में फंसा पेंच, सहकारी बैंक में हुई भर्तियों का रिकॉर्ड नष्ट

Edited By Vijay, Updated: 12 Oct, 2019 08:16 PM

screw in the investigation of allegations made in bjp chargesheet

भाजपा चार्जशीट के आधार पर पूर्व सरकार के कार्यकाल में सहकारी बैंक के तहत हुई भर्ती से जुड़े मामले की जांच में पेंच फंस गया है। सूचना के अनुसार प्रारंभिक जांच के अंतर्गत विजीलैंस को बैंक में हुई भर्तियों से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड नहीं मिल पाया है, ऐसे...

शिमला: भाजपा चार्जशीट के आधार पर पूर्व सरकार के कार्यकाल में सहकारी बैंक के तहत हुई भर्ती से जुड़े मामले की जांच में पेंच फंस गया है। सूचना के अनुसार प्रारंभिक जांच के अंतर्गत विजीलैंस को बैंक में हुई भर्तियों से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड नहीं मिल पाया है, ऐसे में भाजपा चार्जशीट के आधार पर शुरू हुई प्रारंभिक जांच गति नहीं पकड़ पा रही है। सूत्रों के अनुसार जांच में पाया गया है कि बैंक में हुई क्लर्कों की भर्ती से जुड़ी परीक्षा का रिकॉर्ड ही नष्ट हो चुका है और यह पूरी प्रक्रिया नियमों की परिधि में अमल लाई गई है। सूत्रों के अनुसार जिस साल बैंक में भर्तियों की प्रक्रिया पूरी हुई, उसके एक साल बाद शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा का रिकॉर्ड नष्ट कर दिया था।

राज्य सहकारी बैंक में हुई थीं कुछ भर्तियां

उल्लेखनीय है कि पूर्व की वीरभद्र सरकार के कार्यकाल में राज्य सहकारी बैंक में कुछ भर्तियां हुई थीं। इसकी परीक्षा हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड धर्मशाला द्वारा ली गई थी। हालांकि उससे पहले ऐसी परीक्षाएं आईबीपीएस मुंबई द्वारा ली जाती थीं। विपक्ष में रहते भाजपा ने पूर्व सरकार पर परीक्षा में कम अंक वालों को साक्षात्कार में अधिक अंकों के साथ गलत तरीके से नौकरी देने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही पार्ट टाइम नौकरियों में भाई-भतीजावाद, कम्प्यूटर घोटाला, फर्जी प्रमाण पत्र घोटाला, फर्जी इंक्रीमैंट घोटाला, आरबीआई नियमों के उल्लंघन जैसे कथित आरोप भी लगाए गए हैं।

साक्षात्कार का ही रिकॉर्ड उपलब्ध

सूत्रों के अनुसार सहकारी बैंक में हुई भर्तियों से जुड़े साक्षात्कार का ही रिकॉर्ड उपलब्ध है, जिसे जांच एजैंसी सशक्त एवीडैंस मान कर नहीं चल रही। इसके साथ ही विजीलैंस भाजपा चार्जशीट के आधार पर कई अन्य कथित आरोपों की भी तह खंगाल रही है जबकि कुछ आरोपों को लेकर जांच में पाए गए तथ्यों के आधार पर मामले भी दर्ज किए गए हैं।

क्या है मामला

जयराम सरकार ने सत्ता संभालने के कुछ माह बाद कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हिमाचल के 3 सहकारी बैंकों में हुई भर्तियों और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच विजीलैंस को सौंपने के आदेश जारी किए थे। भाजपा का आरोप था कि भर्तियों में भाई-भतीजावाद हावी रहा और चहेतों को रेवडिय़ों की तरह नौकरी बांट दी गई।

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