Una: सरकारी मदद से मिली साहिल के सपनों को मंजिल.. मजदूर का बेटा आज कर रहा है PhD

Edited By Jyoti M, Updated: 05 Jun, 2025 09:49 AM

sahil s dreams came true with government help

सपनों को पंख तब ही मिलते हैं जब ज़मीनी हकीकत उन्हें उड़ने की जगह दे। आर्थिक तंगी और सीमित संसाधनों के बावजूद ऊना के एक मजदूर के बेटे साहिल ने जब रसायन विज्ञान में पीएचडी करने का सपना देखा, तो राह आसान नहीं थी। मगर हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य...

ऊना। सपनों को पंख तब ही मिलते हैं जब ज़मीनी हकीकत उन्हें उड़ने की जगह दे। आर्थिक तंगी और सीमित संसाधनों के बावजूद ऊना के एक मजदूर के बेटे साहिल ने जब रसायन विज्ञान में पीएचडी करने का सपना देखा, तो राह आसान नहीं थी। मगर हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड ने उस सपने को टूटने नहीं दिया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार की संवेदनशील योजनाएं अब ऐसे परिवारों के लिए आशा की किरण बन रही हैं। साहिल की कामयाबी इस बात की मिसाल है कि जब सरकार साथ हो, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह जाता।

श्रमिक का बेटा, जो बन गया शोधार्थी

ऊना जिले के उपमंडल अंब के गांव ज्वार निवासी सुरिंदर सिंह वर्षों से दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालते हैं। उनका बेटा साहिल पढ़ाई में हमेशा आगे रहा और विज्ञान के क्षेत्र में उच्च शिक्षा लेने का सपना देखा। लेकिन जब बात एमएससी और फिर पीएचडी की आई, तो आर्थिक चुनौतियां दीवार बनकर खड़ी हो गईं। तभी हिमाचल प्रदेश श्रमिक कल्याण बोर्ड एक वरदान बनकर सामने आया। बोर्ड ने साहिल को एमएससी के लिए 21 हजार रुपये और पीएचडी के लिए 1.20 लाख रुपये की सहायता प्रदान की। आज साहिल हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला से रसायन विज्ञान में पीएचडी कर रहे हैं।

साहिल भावुक होकर कृतज्ञता व्यक्त करते हुए बताते हैं कि अगर सरकार और बोर्ड का साथ न होता, तो मेरा सपना सिर्फ एक सपना रह जाता। मुख्यमंत्री श्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और श्रमिक कल्याण बोर्ड ने मुझे न सिर्फ पढ़ने का हक दिया, बल्कि आत्मविश्वास भी दिया।

नीतियों में संवेदना का स्पर्श : नरदेव सिंह कंवर

श्रमिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर का कहना है कि राज्य सरकार की योजनाएं अब सिर्फ लाभ नहीं, बदलाव बन रही हैं। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि आज मजदूर, किसान और असंगठित वर्ग का हर व्यक्ति खुद को सरकार से जुड़ा हुआ महसूस कर रहा है। साहिल जैसे युवाओं को जब आगे बढ़ने का अवसर मिलता है, तो एक पूरे समाज का भविष्य रोशन होता है।

गरीबों को आत्मनिर्भर और उनके जीवन को गरिमापूर्ण बनाने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध

हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के सचिव एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजीव कुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री श्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार श्रमिक वर्ग को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में ठोस प्रयास कर रही है।उन्होंने कहा कि बोर्ड की योजनाएं केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि गरिमापूर्ण जीवन और उज्जवल भविष्य का आधार बन रही हैं। सरकार की प्राथमिकता है कि हर योजना का लाभ सीधे ज़रूरतमंद तक पहुंचे।

क्या कहते हैं अधिकारी

जिला श्रमिक कल्याण अधिकारी ऊना अमन शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड द्वारा कामगारों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। ऊना जिले में पंजीकृत कामगार इनसे लाभान्वित हो रहे हैं। इन योजनाओं में शादी के लिए वित्तीय सहायता-लाभार्थी के स्वयं के विवाह तथा दो बच्चों के विवाह के लिए 51 हज़ार, मातृत्व और पितृत्व प्रसुविधा के तहत महिला लाभार्थी को प्रसव अवधि के समय अथवा बच्चे के जन्म पर 25 हज़ार, पंजीकृत कर्मकार की पत्नी को दो प्रसवों तक 6 हज़ार, पुरूष लाभार्थी को पितृत्व सुविधा के तहत बच्चे के जन्म पर 1 हज़ार और महिला लाभार्थी को 90 दिन से 26 सप्ताह तक मातृत्व अवकाश की राशि प्रदान की जाती है।

चिकित्सा सहायता में लाभार्थी और उसके आश्रितों को चिकित्सा के चिकित्सीय उपचार के लिए 50 हज़ार से 5 लाख, शिक्षा के लिए प्रथम कक्षा से पीएचडी तक 8400 से 1.20 लाख रुपये,  60 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर लाभार्थी को 1 हज़ार रूपये पैंशन सुविधा, दुर्घटना एव बीमारी के चलते हुई विकलांगता की स्थिति में 500 रुपये दिव्यांग पेंशन, कामगार बोर्ड में पंजीकृत सदस्य की मृत्यु होने पर नाम निर्देशितों / उनके आश्रितों को 2 से 4 लाख, अंतिम संस्कार के लिए 20 हज़ार रुपये की आर्थिकी सहायता, बेटी जन्म उपहार योजना के तहत 51 हज़ार रुपये, मानसिक रूप से मंद बच्चों की देखभाल के लिए 20 हज़ार प्रतिवर्ष, विधवा पेंशन योजना के तहत 1500 रूपये प्रतिमाह, होस्टल सुविधा योजना के तहत 20 हज़ार रुपये प्रतिवर्ष, मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 1.50 लाख रुपये की आर्थिक मदद प्रदान की जाती है।
 

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