Edited By Vijay, Updated: 29 May, 2025 09:08 PM

पंजाब सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर को पंजाब राज्य एनआरआई आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह नियुक्ति पंजाब के राज्यपाल द्वारा की गई है....
शिमला: पंजाब सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर को पंजाब राज्य एनआरआई आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह नियुक्ति पंजाब के राज्यपाल द्वारा की गई है और जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर का कार्यकाल 3 वर्षों का होगा। जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के ठियोग से संबंध रखते हैं। उन्होंने अपने विधिक करियर की शुरुआत 1987 में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में वकालत से की। अपने करियर के दौरान उन्होंने दीवानी, आपराधिक और संवैधानिक मामलों की विशेषज्ञता हासिल की।
जस्टिस ठाकुर ने 1994 से 2000 के बीच केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील के रूप में भी कार्य किया और भारत संघ का प्रतिनिधित्व किया। उनके इस कार्यकाल में कई जटिल कानूनी मामलों में केंद्र का पक्ष उन्होंने प्रभावी रूप से रखा। वर्ष 2001 में उन्होंने न्यायिक सेवा में प्रवेश किया और उन्हें अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नियुक्त किया गया। इसके पश्चात वे हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश और फिर स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदस्थ रहे।
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त होने के बाद अब उन्हें एनआरआई से जुड़े मामलों की निगरानी और समाधान के लिए गठित आयोग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह आयोग प्रवासी भारतीयों के अधिकारों की रक्षा और उनके मुद्दों के समाधान के लिए कार्य करता है।
जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और उनकी माता निर्मल ठाकुर को प्रशंसनीय परोपकारी गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने शिमला के सर्वोदय बाल आश्रम के परिसर में अनाथ बच्चों के लिए एक खेल मैदान बनाया है, साथ ही वहाँ देवी सरस्वती की एक मूर्ति भी स्थापित की है। विश्वसनीय सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि दोनों ने शिमला के विभिन्न मंदिरों के नवीनीकरण में योगदान दिया है और शिमला के विभिन्न तीर्थस्थलों पर मूर्तियां स्थापित की हैं।
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