Edited By Jyoti M, Updated: 17 Dec, 2024 12:47 PM
जिला में समय पर बारिश नहीं होने के कारण अभी तक 1 करोड़ 80 लाख 42 हजार रुपए का नुक्सान हो चुका है। जानकारी के अनुसार जिला में 25,810 हैक्टेयर में रबी की फसल की बिजाई की जाती है।
बिलासपुर, (बंशीधर): जिला में समय पर बारिश नहीं होने के कारण अभी तक 1 करोड़ 80 लाख 42 हजार रुपए का नुक्सान हो चुका है। जानकारी के अनुसार जिला में 25,810 हैक्टेयर में रबी की फसल की बिजाई की जाती है। जिसमें से 23,000 हैक्टेयर में गेहूं, 500 हैक्टेयर में जौ, 30 हैक्टेयर में चना, 600 हैक्टेयर में दालें, 1490 हैक्टेयर में सब्जियां, 50 हैक्टेयर में आलू और 140 हैक्टेयर में तिलहन उत्पादित किया जाता है। जिसमें से 18,665 हैक्टेयर में विभिन्न फसलें बीजी गई थीं।
जिनमें से 12,660 हैक्टेयर में फसलें खराब हो गई हैं लेकिन इस बार बारिश न होने के कारण आधी जमीन पर ही रबी की फसल की बिजाई हो पाई है जबकि शेष किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं तथा जिन किसानों ने बिजाई की थी, उनकी अधिकांश फसलें बारिश के कारण खराब हो गई हैं। जिला के अधिकांश किसान बारिश पर ही निर्भर हैं। जिला में केवल 6800 हैक्टेयर भूमि पर ही सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है।
किसमें कितना हुआ नुक्सान
जानकारी के अनुसार जिला में गेहूं की फसल की बिजाई का सबसे उत्तम समय 15 नवम्बर तक ही माना जाता है। हालांकि विभागीय अधिकारी तर्क दे रहे हैं कि किसान 15 जनवरी तक गेहूं की फसल की बिजाई कर सकते हैं। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक जिला में 16,500 हैक्टेयर में किसानों द्वारा गेहूं की बिजाई की गई थी। जिसमें से 16,500 हैक्टेयर में गेहूं की फसल खराब हो गई है। इससे 98 लाख रुपए का नुक्सान हुआ है। इसी प्रकार 275 हैक्टेयर में जौ की बिजाई की गई थी। जिसमें से 155 हैक्टेयर में जौ की फसल बिना पानी के नष्ट हो गई है। जिससे 13 लाख 50 हजार का नुक्सान हुआ है।
वहीं, चना की बिजाई 30 हैक्टेयर में की गई थी। जिसमें से 15 हैक्टेयर में फसल खराब हो गई है। जिससे 1 लाख 92 हजार का नुक्सान हुआ है। इसी प्रकार मटर, दाल चना और मसूर की बिजाई 455 हैक्टेयर में की गई थी। जिससे 225 हैक्टेयर में दालों की फसल खराब हो गई है। इससे 60 लाख का नुक्सान हुआ है। जबकि 105 हैक्टेयर में तिलहन की बिजाई की गई थी। जिसमें से 65 हैक्टेयर में फसल खराब हो गई है।
डा. शशि पाल शर्मा, उपनिदेशक कृषि विभाग बिलासपुर ने कहा कि जिला में अभी तक एक करोड़ 80 लाख 42 हजार का नुक्सान हो चुका है। इसकी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेज दी गई है।