Edited By Kuldeep, Updated: 08 May, 2025 06:46 PM

जिले में साइबर ठगी के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं और पुलिस की जांच में ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो न सिर्फ चौंकाने वाले हैं बल्कि आम नागरिकों के लिए खतरे की घंटी भी है।
बिलासपुर (बंशीधर): जिले में साइबर ठगी के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं और पुलिस की जांच में ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो न सिर्फ चौंकाने वाले हैं बल्कि आम नागरिकों के लिए खतरे की घंटी भी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार अब तक जिले में लगभग 50 बैंक खातों की जांच की जा चुकी है जिनमें से कई खातों में एक ही दिन में एक लाख से लेकर एक करोड़ रुपए तक का संदिग्ध लेनदेन हुआ है। इनमें से अब तक 2 मामलों में प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है।
पहला मामला थाना बरमाणा में दर्ज हुआ है, जहां एक बैंक खाता साइबर ठगी से प्राप्त धन के लेनदेन में इस्तेमाल होता पाया गया। इस खाते में 3 राज्यों से जुड़ी साइबर ठगी की शिकायतें मिली हैं और प्रारंभिक जांच में 90,000 रुपए की राशि ट्रांसफर होना सामने आया है। दूसरा मामला झंडूता थाना क्षेत्र का है, जहां एक अन्य खाते में 24 हजार रुपए की संदिग्ध ट्रांजैक्शन की गई। पुलिस को संदेह है कि और भी कई ऐसे खाते हैं जो इस संगठित साइबर अपराध में संलिप्त हो सकते हैं।
ऐसे होता है साइबर ठगी का यह खेल
शातिर ठग स्थानीय लोगों से उनके दस्तावेज (पहचान पत्र, आधार कार्ड आदि) लेकर उनके नाम से खाते खुलवाते हैं। हालांकि इन खातों से जुड़े मोबाइल नंबर और संचालन पूरी तरह ठगों के नियंत्रण में रहते हैं। बदले में खाताधारकों को हर ट्रांजैक्शन का एक प्रतिशत कमीशन देने का लालच दिया जाता है। कुछ मामले ऐसे भी सामने आए हैं जहां किराएदारों ने मकान मालिक के नाम पर खाते खुलवाए हैं। इसके अलावा कुछ ठगों ने फर्जी ट्रेडिंग कंपनियां बनाकर लोगों से एडवांस भुगतान मंगवाया और बाद में ऑर्डर डिलीवर नहीं किया।
किसी को भी अपने बैंक खाते की जानकारी न दें : एसपी
एसपी बिलासपुर संदीप धवल ने बताया कि पुलिस द्वारा संगठित साइबर अपराध के तहत गहन जांच जारी है और जल्द ही पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया जाएगा। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि वे किसी को भी अपने बैंक खाते की जानकारी, एटीएम का सीवीसी नंबर या ओटीपी शेयर न करें। किसी भी संदिग्ध कॉल, लिंक या ट्रांजैक्शन की जानकारी टोल फ्री नंबर 1930 पर तुरंत दें। इस नंबर पर दी गई जानकारी के आधार पर संबंधित खाता तुरंत सीज किया जा सकता है, जिससे ठगी गई राशि वापस मिलने की संभावना बढ़ जाती है।