Edited By Vijay, Updated: 12 Mar, 2025 02:23 PM

सरकार भले ही अपनी योजनाओं को गरीबों के हित में बताकर प्रचार करती रहे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
ठाकुरद्वारा (गगन): सरकार भले ही अपनी योजनाओं को गरीबों के हित में बताकर प्रचार करती रहे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। विकास खंड इंदौरा की ग्राम पंचायत मलाहड़ी के पनियाला गांव के वार्ड नंबर-6 में रहने वाले सुरजीत सिंह पिछले 15 वर्षों से सरकारी आवास योजना के लाभ से वंचित हैं। उनका स्लेटपोश मकान जर्जर हो चुका है, छत से बारिश का पानी टपकता है और हर रात घर गिरने के डर से जागकर गुजरती है।
दफ्तरों में धूल फांक रहीं फाइलें, अफसरों को कई बार भेजी तस्वीरें
सुरजीत सिंह, जो दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं, का कहना है कि वे कम से कम 10 बार अपने घर की तस्वीरें अधिकारियों को दे चुके हैं, लेकिन हर बार फाइलें दफ्तरों में धूल फांकती रह गईं। पंचायत में साधन-संपन्न लोगों को आवास योजनाओं का लाभ मिल रहा है, लेकिन उनका परिवार आज भी खुले आसमान के नीचे रातें गुजारने को मजबूर है।
शौचालय भी अधूरा, खुले में जाने को मजबूर
घर की खस्ताहाल स्थिति के साथ-साथ शौचालय की सुविधा भी नहीं है, जिसके कारण परिवार के लोगों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। सुरजीत सिंह ने सवाल उठाया कि अगर सरकार को सिर्फ राशन ही देना है तो फिर बीपीएल सूची में नाम रखने का क्या फायदा?
क्या कहते हैं अधिकारी
जब इस मामले पर खंड विकास अधिकारी सुदर्शन सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पीएम आवास योजना के तहत जरूरतमंद परिवारों का सर्वे और जियो टैगिंग की प्रक्रिया जारी है। वहीं, पंचायत सचिव नीलम का कहना है कि अब तक पनियाला में जियो टैगिंग शुरू नहीं हुई है, लेकिन जल्द ही इसे पूरा किया जाएगा।
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