Edited By Vijay, Updated: 31 May, 2023 05:34 PM
प्रदेश के मेडिकल काॅलेजों व अस्पतालों में अब डाॅक्टरों की पैन डाऊन स्ट्राइक 45 मिनट की होगी। स्ट्राइक की अवधि को आधा करने का निर्णय डाॅक्टर एसोसिएशन ने सरकार से आश्वासन मिलने के बाद लिया है। पहले डेढ़ घंटे की स्ट्राइक चल रही थी लेकिन संयुक्त संघर्ष...
शिमला (जस्टा): प्रदेश के मेडिकल काॅलेजों व अस्पतालों में अब डाॅक्टरों की पैन डाऊन स्ट्राइक 45 मिनट की होगी। स्ट्राइक की अवधि को आधा करने का निर्णय डाॅक्टर एसोसिएशन ने सरकार से आश्वासन मिलने के बाद लिया है। पहले डेढ़ घंटे की स्ट्राइक चल रही थी लेकिन संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्यों को मुख्यमंत्री के आह्वान पर हर्षवर्धन चौहान ने वार्ता के लिए बुलाया था। इस वार्ता के बाद संयुक्त संघर्ष समिति की बैठक बुधवार को शिमला में आयोजित की गई। इसमें डाॅक्टरों ने यह निर्णय लिया कि 3 जून को मुख्यमंत्री से उनकी वार्ता होगी। उसके बाद अब आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार से आग्रह किया है कि हाल ही में निकाली गई अधिसूचनाओं को तत्काल वापस लेने व संशोधन करने हेतु शीघ्र कार्रवाई करें। एचएमओए के प्रदेशाध्यक्ष राजेश राणा ने कहा कि अस्पतालों में स्ट्राइक पूरी तरह से अभी खत्म नहीं होगी। अगर एनपीए के फैसले को सरकार वापस लेती है तो ही स्ट्राइक खत्म होगी। डाॅक्टरों ने सरकार के समक्ष कई मांगें रखी हैं। इस बारे में भी मुख्यमंत्री से बातचीत होगी। राजेश राणा ने कहा कि सरकार से उम्मीद है कि जल्द ही मांगें पूरी होंगी और एनपीए का फैसला भी सरकार वापस लेगी।
चिकित्सकों के लिए जारी रखें टाइम स्केल
चिकित्सकों ने सरकार से मांग की है कि कई सालों से मेडिकल ऑफिसर बीएमओ पोस्ट की तरक्की के लिए इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कई सालों से कोई भी नियमित पदोन्नति विभाग में नहीं की गई है। ऐसे में यह जो टाइम स्केल है, यह चिकित्सकों के लिए आशा की किरण है और सांत्वना बनी रहती है कि अगर पदोन्नति नहीं मिली तो कम से कम टाइम स्केल का फायदा तो मिल ही गया। इसलिए चिकित्सकों के टाइम स्केल 4-9-14 को जारी रखा जाना चाहिए।
सहायक प्रोफैसर के पद पर हो सीधी भर्ती
डायनामिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रैशन स्कीम के तहत राजकीय मेडिकल काॅलेजों में फैकल्टी, सीनियर रैजीडैंट्स व ट्यूटर स्पैशलिस्ट के पदों को एक निरंतर प्रक्रिया के तहत भरा जाए ताकि योग्य उम्मीदवारों को लम्बा इंतजार न करना पड़े। सहायक प्रोफैसर के पद पर ही सीधी भर्ती हो, उसके बाद केवल पदोन्नति से सह प्राध्यापक एवं प्राध्यापक के पद भरे जाएं। संघ मांग करता है कि सहायक प्राध्यापक से प्राध्यापक की पदोन्नति डायनामिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रैशन स्कीम के तहत की जाए। एक निर्धारित समय काल के बाद पदोन्नति सुनिश्चित हो चाहे रिक्त पद हों या न हों।
पंजाब की तर्ज पर मिले चिकित्सा स्नातकों को पीजी भत्ता
राज्य के चिकित्सा स्नातकों को पीजी भत्ता पंजाब सरकार की तरह वेतन में संलगित करवाने हेतु और मेडिकल काॅलेज में शैक्षणिक भत्ते में वृद्धि पंजाब की तर्ज पर हो। स्वास्थ्य विभाग में स्वास्थ्य निदेशक, ज्वाइंट डायरैक्टर, डिप्टी डायरैक्टर और खंड चिकित्सा अधिकारी के पद शीघ्र डीपीसी द्वारा भरे जाएं। इन पदों को भरने से नए चिकित्सकों को भी नौकरियां मिलेंगी। नए खोले गए मैडीकल कालेज व आईजीएमसी के समतुल्य फैकल्टी और सीनियर रैजीडैंट के पदों का सृजन किया जाए। पदों की स्वीकृति कम से कम 150 एमबीबीएस सीटों के अनुसार एनएमसी के दिशा-निर्देश के अनुसार की जाए क्योंकि मौजूदा कैडर की संख्या 100 सीटों से बढ़ाकर 120 कर दी गई है।
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