Edited By Kuldeep, Updated: 04 Nov, 2024 01:33 PM
पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि भारत दवाई उद्योग के क्षेत्र में विश्व भर में अग्रणी बन रहा है। जैनरिक दवाई की दृष्टि से तो भारत को दुनिया की फार्मेसी कहा जाता है।
पालमपुर (भृगु): पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि भारत दवाई उद्योग के क्षेत्र में विश्व भर में अग्रणी बन रहा है। जैनरिक दवाई की दृष्टि से तो भारत को दुनिया की फार्मेसी कहा जाता है। भारत में बनने वाली दवाईओं में 40 प्रतिशत दवाईयां हिमाचल प्रदेश में बनती हैं। इस उद्योग से पूरे देश में लाखों लोगों को रोजगार मिला है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के ऊना में बल्क ड्रग पार्क और नालागढ़ में मेडिकल डिवाईज पार्क की दो बड़ी योजनाएं लगभग 20 हजार करोड़ रुपए की स्वीकृत हुई हैं। इनमें हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। इस दृष्टि से हिमाचल प्रदेश दवाई उद्योग में भारत ही नहीं विश्व में अपना एक विशेष स्थान बना सकता है। शांता कुमार ने कहा परन्तु इस उद्योग की इस शानदार सम्भावना को कुछ भ्रष्टाचारी और अयोग्य सरकारी अधिकारी समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। इस प्रकार के उभरते उद्योग में पिछले 9 मास में 150 दवाईयों के सैंपल फेल हुए हैं।
विश्व के दो देशों में भारत में बनीं दवाईयों से कुछ बच्चों के मरने के समाचार भी आए। उन्होंने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का धन्यावाद किया है। इस परिस्थिति पर न्यायालय ने स्वंय संज्ञान लिया और अधिकारी को न्यायालय में बुलाकर फटकार लगाई है और यह कहा कि जानबूझ कर मिलीभक्ति से दवाई की गुणवत्ता से समझौता किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो दवाई उद्योग आज हजारों लोगों को रोजगार दे रहा है और बल्क ड्रग पार्क तथा मेडिकल डिवाईज की दो परियोजनाओं के कारण प्रदेश को पूरे विश्व में एक नया नाम देगा। लगातार सैंपल फेल होने से विश्व भर में जो बदनामी हो रही है उससे इस उद्योग के भविष्य को बहुत बड़ा संकट पैदा हाे जाएगा। शांता कुमार ने सरकार से विशेष आग्रह किया है कि सरकार अतिशीघ्र इस संबंध में दोषी लोगों को सख्त दण्ड दे और इस उद्योग में सब प्रकार का सुधार करे ताकि हिमाचल प्रदेश पूरे विश्व में इस उभरते दवाई उद्योग के कारण अपना नाम बनाए।