Edited By Vijay, Updated: 26 Mar, 2025 06:33 PM

विधानसभा के चल रहे बजट सत्र में बुधवार को सरकार के विभिन्न विभागों/बोर्डों/निगमों में सेवारत आऊटसोर्स कर्मचारियों के संबंध में नीति तैयार करने की मांग को लेकर कर्मचारियों ने चौड़ा मैदान में एकत्रित होकर प्रदर्शन किया...
शिमला (संतोष): विधानसभा के चल रहे बजट सत्र में बुधवार को सरकार के विभिन्न विभागों/बोर्डों/निगमों में सेवारत आऊटसोर्स कर्मचारियों के संबंध में नीति तैयार करने की मांग को लेकर कर्मचारियों ने चौड़ा मैदान में एकत्रित होकर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को मांग पत्र भी सौंपा। कर्मियों का कहना है कि आऊटसोर्स कर्मचारी सरकारी निकायों में अपनी पूरी मेहनत से सेवा कर रहे हैं लेकिन फिर भी उनके परिश्रम के बावजूद आज तक उन्हें वांछित पारिश्रमिक नहीं दिया जा रहा है और सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली बुनियादी सुविधाओं से वे वंचित हैं। मुद्रास्फीति और बुनियादी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के कठिन समय के बीच में उन्हें जो न्यूनतम वेतन मिल रहा है, वह पर्याप्त नहीं है।
ये हैं कर्मचारियों की मुख्य मांगें
आऊटसोर्स कर्मचारियों की मुख्य मांगों में कर्मचारी कल्याण बोर्ड का गठन करना, समान जिम्मेदारियों के लिए समान वेतन या न्यूनतम वेतन 25000 प्रतिमाह तय करना, नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित करना, महंगाई भत्ते की भरपाई के लिए 10 फीसदी की दर से वार्षिक वेतन वृद्धि, नियुक्ति की तिथि से सेवा अवधि के आधार पर वरिष्ठता के अनुसार वेतन वृद्धि और सरकारी कर्मचारियों के समान अन्य न्यायोचित लाभ प्रदान करना शामिल है।
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