Edited By Vijay, Updated: 30 Dec, 2025 06:56 PM

प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था और चिट्टे के बढ़ते प्रचलन और सरकार द्वारा किए जा रहे वॉकथॉन के आयोजनों को लेकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर निशाना साधा।
बिलासपुर (बंशीधर): प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था और चिट्टे के बढ़ते प्रचलन और सरकार द्वारा किए जा रहे वॉकथॉन के आयोजनों को लेकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर निशाना साधा। बिलासपुर के लघट में नशे के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिलाओं पर दर्ज एफआईआर के विरोध में मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अगुवाई में भाजपा ने जिला मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन किया। धरने को संबोधित करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि नशे के सौदागरों पर शिकंजा कसने के बजाय सरकार उन माताओं-बहनों पर मुकद्दमे दर्ज कर रही है, जो अपने बच्चों को चिट्टे की गिरफ्त से बचाने के लिए सड़कों पर उतरी हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने समय रहते नशे के कारोबार पर लगाम नहीं लगाई तो यही चिट्टा कांग्रेस सरकार को उखाड़ फैंकेगा।
जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा आयोजित वॉकथॉन जैसे कार्यक्रमों को दिखावा करार देते हुए कहा कि इवैंट से नहीं, बल्कि ठोस नीयत और सख्त कार्रवाई से नशा खत्म होता है। उन्हाेंने आरोप लगाया कि सरकार युवाओं को ऐसे आयोजनों में उलझाकर अपनी विफलताओं को छिपाने का प्रयास कर रही है।
लघट प्रकरण का जिक्र करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि महिलाओं पर दर्ज एफआईआर यह दर्शाती है कि पुलिस माफिया के दबाव में काम कर रही है। उन्हाेंने सवाल उठाया कि आखिर किस नेता के इशारे पर पुलिस ने यह कार्रवाई की, साथ ही आरोप लगाया कि बिलासपुर में सरकारी मंचों पर माफिया का प्रभाव है, इसी कारण भाजपा विधायकों को कार्यक्रमों से दूर रखा जा रहा है। उन्होंने अपनी सरकार के कार्यकाल का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा शासन में नशे के खिलाफ संयुक्त एक्शन प्लान बनाया गया था और पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय बैठकों के जरिए बड़े तस्करों को पकड़ा गया, लेकिन मौजूदा सरकार ने पिछले तीन वर्षों में इस दिशा में कोई गंभीर प्रयास नहीं किया।
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला में डॉक्टर और मरीज के बीच हुए विवाद का उल्लेख करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि यह घटना प्रदेश में चरमराई कानून व्यवस्था का प्रमाण है। उन्होंने साफ कहा कि भाजपा और प्रदेश की जनता अब चुप नहीं बैठेगी और यदि सरकार ने नशे के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाए तो सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।