Edited By Vijay, Updated: 10 Sep, 2024 07:59 PM
राधाष्टमी पर्व शुरू होने से पहले सप्तमी को सचुईं के त्रिलोचन महादेव के वंशजों शिवगुरों द्वारा डल झील पार करने की परंपरा निभाई गई।
भरमौर (उत्तम ठाकुर): राधाष्टमी पर्व शुरू होने से पहले सप्तमी को सचुईं के त्रिलोचन महादेव के वंशजों शिवगुरों द्वारा डल झील पार करने की परंपरा निभाई गई। इसके बाद हजारों शिव भक्तों ने पवित्र मणिमहेश डल झील में स्नान किया। राधाष्टमी का स्नान बुधवार तक होने के कारण बहुत से यात्रियों का मणिमहेश जाने का क्रम अभी भी जारी है। डल झील को पार करने के बाद अष्टमी का स्नान शुरू हुआ है। भरमौर से डल झील तक जो यात्री स्नान करते पहुंचे, उनमें से अधिकांश यात्री स्नान कर वापस भी लौटने शुरू हो गए हैं।
प्रशासन द्वारा गत वर्षों की अपेक्षा इस बार बेहतर प्रबंध किया गया था, लेकिन बारिश से रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए। ऐसे में हड़सर से धनछो तक का रास्ता नए सिरे से बनाना पड़ा। नाले से चढ़ने वाला पूरा रास्ता नाले में आई बाढ़ में बह गया, वहीं वैकल्पिक तरंगड़ी भी दोबारा बनाई गई। इसीलिए यमकुंड-धनछो वाले रास्ते से यात्रा चलानी पड़ी। मौसम खराब होने के कारण मंगलवार को भी दोपहर तक भरमौर से गौरीकुंड तक कोई हैलीकॉप्टर उड़ान नहीं हो सकी। एक हैलीकॉप्टर के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण पूरा भार एक ही हैलीकॉप्टर पर आ गया है।
हालांकि अनुबंध के अनुसार कंपनी को चौबीस घंटों के बीच नया हैलीकॉप्टर मुहैया करवाना होगा, लेकिन मंगलवार को खराब मौसम के चलते नया हैलीकॉप्टर भरमौर नहीं पहुंच पाया। अब बुधवार को हैलीकॉप्टर के भरमौर पहुंचने की संभावना है। वहीं काफी यात्री मौसम साफ होने का इंतजार करते रहे। राधाष्टमी का स्नान 11 सितम्बर शाम 4 बजे तक चलेगा।
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