Edited By Kuldeep, Updated: 23 Dec, 2024 03:56 PM
रिवासर झील में अगर किसी ने मछलियों को चारा डाला, कचरा फैंका या इसके प्रदूषित करने का प्रयास किया तो उस पर कार्रवाई के साथ जुर्माना किया जाएगा। यह जुर्माना 5 हजार से 25 हजार रुपए हो सकता है।
रिवालसर (नि.स.): रिवासर झील में अगर किसी ने मछलियों को चारा डाला, कचरा फैंका या इसके प्रदूषित करने का प्रयास किया तो उस पर कार्रवाई के साथ जुर्माना किया जाएगा। यह जुर्माना 5 हजार से 25 हजार रुपए हो सकता है। ये निर्णय सोमवार को रिवालसर वैटलैंड और इसके आसपास की झीलों के बिगड़ते पारिस्थितिक तंत्र को बचाने के लिए एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी की अध्यक्षता में नगर पंचायत रिवालसर कार्यालय के सभागार में बैठक में लिए गए। अमिकस क्यूरी देवन खन्ना ने रिवालसर झील के आसपास की 7 झीलों के हाईड्रोलॉजिकल संबंध को उजागर किया और उन्हें राष्ट्रीय महत्व के स्थलों के रूप में संरक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया। वैटलैंड प्राधिकरण, जिला समिति, वन अधिकारी और एसडीएम को इन झीलों के लिए एकीकृत संरक्षण योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा वन विभाग को बाड़ों की मुरम्मत और भालू सुविधा की स्थिति सुधारने के निर्देश दिए गए। बैठक में वन विभाग, वैटलैंड प्राधिकरण, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राजस्व विभाग, नगर पंचायत, एनजीओ (डीएजी), और एडवोकेट देवन खन्ना जैसे अमिकस क्यूरी सहित विभिन्न हितधारकों ने भाग लिया।
मात्र 6 मीटर रह गई है झील की गहराई
बता दें कि झील में कृषि अपशिष्ट, सीवरेज का रिसाव और पर्यटकों द्वारा मछलियों को अत्यधिक खाना खिलाने से पानी की गुणवत्ता खराब हो रही है। इसके अलावा पहले झील की गहराई 12-15 मीटर थी जोकि अब केवल 6 मीटर रह गई है।