Solan: नौणी विश्वविद्यालय के स्कॉलर विजय का वैस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी में संयुक्त पीएचडी प्रोग्राम के लिए चयन

Edited By Vijay, Updated: 11 Oct, 2024 05:17 PM

nauni university scholar vijay selected for joint phd program

डॉ. यशवंत सिंह परमार उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के डॉक्टरेट स्कॉलर विजय का चयन ऑस्ट्रेलिया की प्रतिष्ठित वैस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम के लिए हुआ है।

सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के डॉक्टरेट स्कॉलर विजय का चयन ऑस्ट्रेलिया की प्रतिष्ठित वैस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम के लिए हुआ है। विजय हॉकसबरी इंस्टीट्यूट फॉर द एनवायरनमेंट की डॉ. रेशल नोलन के मार्गदर्शन में अपना शोध कार्य करेंगे। उनका शोध वन कार्बन स्टॉक और वनों में लगने वाली आग के प्रभावों पर केंद्रित होगा।

विजय मंडी जिले के निवासी हैं और उन्होंने नौणी विश्वविद्यालय से वानिकी में बीएससी की डिग्री प्राप्त की है। 2021 में उन्होंने आईसीएआर (पीजी) परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर पहला स्थान प्राप्त किया और आईसीएआर-जेआरएफ फैलोशिप के साथ केरल कृषि विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री पूरी की। इसके बाद 2023 में आईसीएआर (एसआरएफ) परीक्षा में देशभर में तीसरा स्थान प्राप्त कर नौणी विश्वविद्यालय के सिल्वीकल्चर और एग्रोफोरैस्ट्री विभाग में डॉ. डीआर भारद्वाज के मार्गदर्शन में पीएचडी करने के लिए नौणी में प्रवेश लिया।

यह संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम नौणी और वैस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के बीच हुए एक समझौता ज्ञापन का हिस्सा है, जिसके तहत दोनों विश्वविद्यालयों के छात्र एक-दूसरे के परिसरों में अपने शोध कार्य का कुछ हिस्सा पूरा कर सकते हैं। विजय नौणी में डॉ. डीआर भारद्वाज और सिडनी में डॉ. रेशल नोलन के मार्गदर्शन में अपने शोध को अंजाम देंगे।

कुलपति प्रोफैसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने विजय को इस अवसर के लिए बधाई दी और कहा कि यह साझेदारी छात्रों के कौशल और प्रौद्योगिकी आधारित समझ को बढ़ाने में मददगार साबित होगी। विजय ने विश्वविद्यालय के कुलपति और अन्य अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया और इस अवसर को वन पारिस्थितिकी और कार्बन चक्रों पर जंगल की आग के प्रभावों को समझने में महत्वपूर्ण बताया।

विजय ने विश्वविद्यालय के कुलपति, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. केके रैना, वानिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. सीएल ठाकुर, डॉ. डीआर भारद्वाज, डॉ. रश्मी चौधरी और वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के अधिकारियों का कार्यक्रम में अप्लाई करने में मदद करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह शोध अवसर वन पारिस्थितिकी प्रणालियों और कार्बन चक्रों पर जंगल की आग के प्रभावों की समझ को बढ़ाने में मदद करेगा।
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