छोटी काशी में स्थापित है मुरारी देवी का मंदिर, पांडवों के अज्ञातवास से जुड़ा है इतिहास

Edited By Vijay, Updated: 27 Feb, 2020 06:51 PM

murari devi temple in mandi

हिमाचल प्रदेश अपनी देव संस्कृति के लिए जाना जाता है। प्रदेश के कण-कण में देवी-देवताओं का वास होने के कारण इसे देवभूमि कहा जाता है। आज आपको ऐसे ही एक मंदिर से रू-ब-रू करवाएंगे जो छोटी काशी मंडी की मुरारी धार में मौजूद है। जिला मंडी की बल्ह घाटी में...

सुंदरनगर (नितेश सैनी): हिमाचल प्रदेश अपनी देव संस्कृति के लिए जाना जाता है। प्रदेश के कण-कण में देवी-देवताओं का वास होने के कारण इसे देवभूमि कहा जाता है। आज आपको ऐसे ही एक मंदिर से रू-ब-रू करवाएंगे जो छोटी काशी मंडी की मुरारी धार में मौजूद है। जिला मंडी की बल्ह घाटी में बसे मुरारी देवी मंदिर का इतिहास पांडवों के अज्ञातवास से जुड़ा हुआ है। अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने इस मंदिर का निर्माण किया था। साथ ही मंदिर में मौजूद माता की मूर्तियां उसी समय पांडवों द्वारा स्थापित की गई हैं। इस मंदिर का इतिहास दैत्य मूर के वध से जुड़ा है।
PunjabKesari, Mata Murari Devi Image

दैत्य मूर ने तपस्या कर ब्रह्मा से हासिल किया था वरदान

मान्यताओं के अनुसार प्राचीनकाल में पृथ्वी पर दैत्य मूर को घोर तपस्या करने पर ब्रह्मा ने वरदान दिया कि तुम्हारा वध कोई भी देवता, मानव या जानवर नहीं करेगा बल्कि एक कन्या के हाथों से होगा। इस पर घमंडी मूर दैत्य अपने आप को अमर सोच कर सृष्टि पर अत्याचार करने लगा। दैत्य मूर के अत्याचारों से त्रस्त होकर सभी प्राणी भगवान विष्णु से मदद मांगने पहुंचे, जिस पर मूर और भगवान विष्णु के बीच युद्ध हुआ जो लंबे समय तक चलता रहा। मूर दैत्य को मिला वरदान याद आने पर भगवान विष्णु हिमालय में स्थित सिकंदरा धार पहाड़ी पर एक गुफा में जाकर लेट गए। मूर उनको ढूंढता हुआ वहां पहुंचा और उसने भगवान के नींद में होने पर हथियार से वार करने का सोचा।
PunjabKesari, Mata Murari Devi Image

भगवान विष्णु की इंद्रियों से पैदा हुईथी कन्या, दैत्य का किया था वध

ऐसा सोचने पर भगवान के शरीर की इन्द्रियों से एक कन्या पैदा हुई, जिसने मूर दैत्य को मार डाला। मूर का वध करने के कारण भगवान विष्णु ने उस दिव्या कन्या को दैत्य मूर का वध करने को लेकर मुरारी देवी के नाम से संबोधित किया। एक अन्य मत के अनुसार भगवान विष्णु को मुरारी भी कहा जाता है। उनसे उत्पन्न होने के कारण ये देवी माता मुरारी के नाम से प्रसिद्ध हुईं और उसी पहाड़ी पर 2 पिंडियों के रूप में स्थापित हो गईं। इनमें से एक पिंडी को शांतकन्या और दूसरी को कालरात्रि का स्वरूप माना गया है। मां मुरारी के कारण ये पहाड़ी मुरारी धार के नाम से प्रसिद्ध हुई। मंदिर के पुजारी जगदीश शर्मा ने बताया कि अज्ञातवास के समय पांडवों ने इस मंदिर का निर्माण किया था, साथ ही मंदिर में मौजूद माता की मूर्तियां उसी समय से स्थापित की गई हैं।
PunjabKesari, Temple Priest Image

मंदिर के विकास को वचनबद्ध है कमेटी

मंदिर कमेटी के सचिव रोशन लाल ने बताया कि वर्ष 1992 में इस क्षेत्र के लगभग एक दर्जन गांव के लोगों ने मंदिर के विकास के लिए एक कमेटी का गठन किया। इसके बाद इस स्थल में भले ही विकास को पंख मंदिर कमेटी ने लगाए हैं लेकिन सरकार इस मंदिर को निखारने की दिशा में काम करे तो मुरारी धार पर्यटन की दृष्टि से उभरेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार की भी अपार संभावनाएं बढ़ेंगी। मंदिर में हर साल 25 से 27 मई को 3 दिवसीय मेला आयोजित किया जाता है। इसमें कुश्ती प्रतियोगिता आकर्षण का केंद्र रहती हैं, जिसमें बाहरी राज्यों के पहलवान भी भाग लेते हैं। बता दें कि मंदिर सराय में एक हजार से अधिक श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था है। मंदिर पहुंचे श्रद्धालु आदित्य गुप्ता ने बताया कि वे पिछले लगभग 20 वर्षों से मंदिर आ रहे हैं और उनकी कुलदेवी भी माता मुरारी देवी हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर जो भी श्रद्धालु आता है खाली हाथ नहीं लौटता हैै।
PunjabKesari, Devotee Image

सड़क की हालत सुधारे प्रशासन-सरकार

मंदिर में पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं ने कहा कि मंदिर में माता के दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं। यहां पर लोगों के लिए लंगर भी लगा रहता है। इसके साथ साथ लोग यहां से सुंदरनगर, बल्ह घाटी के साथ-साथ आसपास के दूसरे क्षेत्रों के नजारे भी देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि कच्चा मार्ग होने से पर्यटक यहां आने से मुंह फेरते हैं। इस मंदिर के लिए सड़क मार्ग पक्का करने का काम लोक निर्माण विभाग और वन विभाग की भूमि होने के कारण लटका है। वहीं स्थानीय लोगों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि मंदिर जाने वाले इस रास्ते को पक्का करवाया जाए ताकि श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
PunjabKesari, Road Image

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!