मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना : CM सुक्खू बोले-यह सरकार की कोई दया नहीं, बच्चों का कानूनी अधिकार

Edited By Vijay, Updated: 03 Oct, 2023 07:12 PM

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को शिमला के रिज मैदान से राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की औपचारिक शुरूआत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हिमाचल निराश्रित बच्चों एवं अन्य वंचित वर्गों की मदद के लिए कानून बनाकर...

शिमला (प्रीति): मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को शिमला के रिज मैदान से राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की औपचारिक शुरूआत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हिमाचल निराश्रित बच्चों एवं अन्य वंचित वर्गों की मदद के लिए कानून बनाकर उक्त योजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया। यह निराश्रित बच्चों के लिए सरकार की कोई दया नहीं है बल्कि उनका कानूनी अधिकार है। इस अवसर पर उन्होंने पात्र बच्चों को 4.68 करोड़ रुपए के वित्तीय लाभ वितरित किए। इसमें उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे 48 निराश्रित बच्चों को फीस और छात्रावास व्यय के रूप में 15.52 लाख रुपए तथा मासिक व्यय के रूप में  11.52 लाख रुपए शामिल हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत 17 निराश्रित बच्चों को 7.02 लाख रुपए फीस तथा 4.08 लाख रुपए मासिक व्यय का वितरण किया गया। 

फोस्टर केयर के तहत 1106 लाभार्थियों को 2.65 करोड़ रुपए के वित्तीय लाभ हस्तांतरित
मुख्यमंत्री ने फोस्टर केयर के अंतर्गत 1106 लाभार्थियों को 2.65 करोड़ रुपए के वित्तीय लाभ भी हस्तांतरित किए। बाल देखभाल संस्थानों के 12वीं कक्षा के 30 मेधावी छात्रों को 10वीं कक्षा में बेहतर प्रदर्शन के लिए लैपटॉप प्रदान किए गए। उन्होंने लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना के लिए 3 लाभार्थियों को 6 लाख रुपए का आबंटन भी किया। उन्होंने कहा कि इस पहल के द्वितीय चरण में 10वीं तथा 12वीं कक्षा के 268 बच्चों को लैपटॉप प्रदान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुख-आश्रय योजना के अंतर्गत नए चिन्हित किए गए लगभग 2700 अनाथ बच्चे, जोकि अपने रिश्तेदारों के साथ रह रहे हैं, उन्हें भी 27 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक 4000 रुपए मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

शपथ लेने के बाद मन में आया था योजना का विचार, आपदा के बावजूद भी पूरा किया संकल्प 
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी रिज मैदान पर शपथ लेने के बाद वे बतौर मुख्यमंत्री सचिवालय के बजाय टुटीकंडी स्थित बालिका आश्रम पहुंचे और वहीं उन्हें इन वर्गों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस तरह की योजना का विचार आया। उन्होंने कहा कि विभिन्न वित्तीय चुनौतियों और हाल ही में आई आपदा के बावजूद प्रदेश सरकार ने इस योजना को आरंभ करने का अपना संकल्प पूरा किया है। योजना के अन्तर्गत निराश्रित  बच्चों को 15 दिवसीय अध्ययन भ्रमण, 10 हजार रुपए वस्त्र भत्ता, 500 रुपए उत्सव अनुदान और 2 लाख रुपए विवाह अनुदान का भी प्रावधान है। इसके अतिरिक्त इन्हेंं लघु एवं सूक्ष्म उद्योग की स्थापना के लिए 2 लाख रुपए तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा।

भूमिहीन निराश्रित बच्चों को दो और तीन बिस्वा भूमि देने का प्रस्ताव
मुख्यमंत्री ने कहा है कि भूमिहीन निराश्रित बच्चों को गृह निर्माण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 3 बिस्वा भूमि और शहरी क्षेत्रों में दो बिस्वा भूमि तथा 3 लाख रुपए की वित्तीय सहायता का भी प्रस्ताव है। इसके साथ हीसरकार विधवा, एकल नारी और विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों सहित विभिन्न वंचित वर्गों को पैंशन और अपंगता राहत भत्ते की प्रक्रिया का सरलीकरण कर उन्हें आय सीमा में भी छूट प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदर्शनी का अवलोकन किया और अनाथ बच्चों के साथ दोपहर भोज में भी शामिल हुए।

निराश्रित बच्चों के कल्याण में सरकार की यह फ्लैगशिप योजना कारगर साबित होगी : शांडिल 
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि निराश्रित बच्चों के कल्याण में सरकार की यह फ्लैगशिप योजना कारगर साबित होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा विधवा पुनॢववाह भत्ता 65 हजार रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए किया गया है। राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को 995 करोड़ रुपए का बजट आबंटन किया है।

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