Edited By Vijay, Updated: 19 Dec, 2025 07:03 PM

सांसद हर्ष महाजन ने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में रेल परियोजनाओं की धीमी प्रगति के लिए राज्य सरकार की नाकामी, लापरवाही और प्रतिबद्धता की कमी सीधेतौर पर जिम्मेदार है।
शिमला (ब्यूरो): सांसद हर्ष महाजन ने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में रेल परियोजनाओं की धीमी प्रगति के लिए राज्य सरकार की नाकामी, लापरवाही और प्रतिबद्धता की कमी सीधेतौर पर जिम्मेदार है। भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी (63 किलाेमीटर) नई रेल लाइन परियोजना इसका सबसे बड़ा उदाहरण बन चुकी है। शिमला से जारी बयान में हर्ष महाजन ने बताया कि यह परियोजना लागत-सांझाकरण के आधार पर स्वीकृत की गई है, जिसमें 75 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र सरकार और 25 प्रतिशत हिस्सेदारी प्रदेश सरकार की है। इसके अतिरिक्त 70 करोड़ रुपए से अधिक की भूमि लागत पूरी तरह राज्य सरकार को वहन करनी है। भूमि लागत सहित इस परियोजना की विस्तृत अनुमानित लागत 6753 करोड़ रुपए स्वीकृत की गई थी।
अब तक केवल 82 हैक्टेयर भूमि ही उपलब्ध करवा पाई सरकार
हर्ष महाजन ने कहा कि परियोजना के लिए हिमाचल प्रदेश में 124 हैक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, लेकिन कांग्रेस सरकार अब तक केवल 82 हैक्टेयर भूमि ही उपलब्ध करवा पाई है। बिलासपुर से बेरी तक की शेष भूमि आज तक राज्य सरकार द्वारा नहीं सौंपी गई है, जिससे परियोजना का कार्य सीधे तौर पर प्रभावित हो रहा है। भूमि की अनुपलब्धता के कारण परियोजना समय पर पूरी नहीं हो पा रही है। उन्हाेंने कहा कि कांग्रेस सरकार केंद्र पर आरोप लगाने की राजनीति करती है, जबकि सच्चाई यह है कि हिमाचल प्रदेश के लिए रेलवे और अवसंरचना क्षेत्र में अभूतपूर्व बजट आबंटन किया गया है।
रणनीतिक और सीमावर्ती रेल परियोजनाओं में भी कांग्रेस की उदासीनता
हर्ष महाजन ने कहा कि रक्षा मंत्रालय द्वारा बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाइन को रणनीतिक परियोजना के रूप में चिन्हित किया गया है। 489 किलाेमीटर लंबी इस परियोजना में 270 किलाेमीटर सुरंगें प्रस्तावित हैं और इसकी अनुमानित लागत 1,31,000 करोड़ रुपए है। इतनी महत्वपूर्ण परियोजना के लिए भी राज्य सरकार को गंभीरता दिखानी चाहिए, लेकिन कांग्रेस सरकार का रवैया निराशाजनक बना हुआ है।
प्रदेश सरकार बनी विकास में सबसे बड़ी बाधा
हर्ष महाजन ने कहा कि किसी भी रेलवे परियोजना की सफलता भूमि अधिग्रहण, वन मंजूरी, कानून व्यवस्था और राज्य सरकार के सहयोग पर निर्भर करती है। दुर्भाग्यवश हिमाचल प्रदेश सरकार स्वयं विकास की सबसे बड़ी बाधा बन चुकी है। उन्होंने कहा कि भाजपा हिमाचल के हितों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होने देगी और कांग्रेस सरकार की विफलताओं को जनता के सामने उजागर करती रहेगी।