Edited By prashant sharma, Updated: 25 Sep, 2020 07:09 PM
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में शुक्रवार को प्रदेश पुलिस विभाग और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के बीच एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया।
शिमला (राक्टा) : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में शुक्रवार को प्रदेश पुलिस विभाग और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के बीच एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया। इसका उद्देश्य पारस्परिक विचार-विमर्श के लिए संस्थागत तंत्र स्थापित करना है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश पुलिस मुख्यालय शिमला में सीसीटीवी निगरानी मैट्रिक्स और कमान केंद्र का भी शुभारंभ किया। इसे कोविड-19 महामारी की तमाम बाध्यताओं के बावजूद केवल 65 दिनों की रिकार्ड अवधि में स्थापित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उक्त समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य पुलिस कर्मचारियों को नई तकनीकों, अपराधों का सामयिक एवं भौगोलिक विश्लेषण, समय-समय पर होने वाले अपराधों की प्रवृत्ति, यातायात प्रबंधन, ई-चालान, बीट पैट्रोलिंग प्रणाली, जोखिम एवं सुरक्षा विश्लेषण तथा साइबर न्याय संबंधी एवं साइबर सुरक्षा के बारे में अपना ज्ञानवर्द्धन करने की सुविधा प्रदान करना है। प्रदेश पुलिस और आईआईटी मंडी के मध्य यह सहयोग अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों व क्षमता वृद्धि पर आधारित होगा, जिसमें पुलिस अधिकारी, आईआईटी संकाय, शोधकर्ता और विद्यार्थी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से आईआईटी विद्यार्थियों को पुलिस की कार्यप्रणाली जानने और समझने का मौका मिलेगा और प्रदेश पुलिस की विभिन्न इकाइयों में उनको प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। विद्यार्थी पुलिस अधिकारियों के साथ पारस्परिक चर्चा कर सकेंगे। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि इस प्रणाली से जहां पुलिस की कार्यप्रणाली बेहतर होगी, वहीं अपराध रोकने के लिए आधुनिक तकनीक का अधिकतम प्रयोग हो सकेगा।
शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि इस पहल के साथ राज्य पुलिस ने न केवल कठिन परिश्रम सुनिश्चित किया है बल्कि कुशल कार्यप्रणाली दिशा में भी आगे बढ़ी है। सीआईडी के एडीजी एन. वेणुगोपाल ने समझौता ज्ञापन के प्रमुख पहलुओं और सीसीटीवी निगरानी मैट्रिक्स के बारे में प्रस्तुति दी। एडीजी अशोक तिवारी व आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. एके चतुर्वेदी ने भी वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में भाग लिया। बद्दी, सिरमौर, कुल्लू और किन्नौर के एसपी ने अपने-अपने जिलों के बारे में प्रस्तुतियां दीं। सीएम के प्रधान सचिव जेसी शर्मा, सलाहकार डॉ. आरएन बत्ता, आईआईटी मंडी के डीन प्रो. एससी जैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
राज्य में 68000 सीसीटीवी स्थापित करने की आवश्यकता
सीएम ने कहा कि राज्य में लगभग 19000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की करीब 70 लाख जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में 68000 सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जाने की आवश्यकता है, जिन्हें चरणबद्ध तरीके से स्थापित करने की योजना बनाई जाएगी। सीसीटीवी कैमरे अपराध रोकने और अपराधियों की खोज करने, जांच प्रक्रियाओं, यातायात प्रबंधन, श्रम शक्ति के बेहतर प्रबंधन और पुलिस सेवाओं को सुधारने में बहुत सहायक हैं।
जिला स्तरीय कमान केंद्र किए जाएंगे स्थापित
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कुल्लू, सिरमौर, किन्नौर और बद्दी पुलिस जिलों में 4 कमान केंद्र प्रभावी रूप से कार्य कर रहे हैं। प्रदेश सरकार शेष जिलों में भी जिला स्तरीय कमान केंद्र स्थापित करने के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि अपराध रोकने के लिए पुलिस को तकनीक के मामले में एक कदम आगे चलना होगा।
धार्मिक स्थलों पर सीसीटीवी से होगी भीड़ नियंत्रित : डीजीपी
डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि राज्य पुलिस विभाग नियमित रूप से पुलिस, तकनीकी विशेषज्ञों, आईआईटी अध्यापकों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों को सम्मिलित कर अकादमिक सम्मेलन व कार्यशालाओं का आयोजन करवाएगा। उन्होंने कहा कि समझौता ज्ञापन सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित मामलों की जांच को आसान बनाने और जांच के लिए एक सघन प्रोटोकॉल तैयार करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण के उद्देश्य से और सीसीटीवी स्थापित किए जाएंगे।