6 टैट परीक्षाओं में TGT मेडिकल में 90 फीसदी से अधिक परीक्षार्थी फेल

Edited By Simpy Khanna, Updated: 18 Jan, 2020 10:07 AM

more than 90 of the candidates failed in tgt medical in 6 tet examinations

6 टैट परीक्षाओं में टी.जी.टी. मैडीकल में 90 फीसदी से अधिक परीक्षार्थी फेल हुए हैं। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित करवाई जाने वाली टैट परीक्षा में पिछली 7 टैट परीक्षाओं में से मात्र एक टैट परीक्षा में टी.जी.टी. मैडीकल का परीक्षा...

धर्मशाला (ब्यूरो): 6 टैट परीक्षाओं में टी.जी.टी. मैडीकल में 90 फीसदी से अधिक परीक्षार्थी फेल हुए हैं। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित करवाई जाने वाली टैट परीक्षा में पिछली 7 टैट परीक्षाओं में से मात्र एक टैट परीक्षा में टी.जी.टी. मैडीकल का परीक्षा परिणाम 10 फीसदी का आंकड़ा पार कर पाया है। 6 टैट परीक्षाओं में टैट टी.जी.टी. मैडीकल का रिजल्ट 10 प्रतिशत से कम रहा है। 2017 में हुई टैट परीक्षा में टी.जी.टी. मैडीकल का परिणाम 60.21 प्रतिशत रहा है। 2013 से जून 2019 तक की टैट परीक्षा यही स्थिति बयां कर रही है। 2013 से 2019 तक 8 बार प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड टैट परीक्षा का आयोजन कर चुका है। 

हालांकि इस समय अवधि में 8वीं टैट परीक्षा यानी नवम्बर, 2019 में हुई टैट परीक्षा का परिणाम आना बाकी है। 2019 से हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड वर्ष में 2 बार टैट परीक्षा आयोजित कर रहा है। 2013 में हुई टैट परीक्षा में टी.जी.टी. मैडीकल का परीक्षा परिणाम 6.5 प्रतिशत रहा है। 2014 में टी.जी.टी. मैडीकल का परिणाम 6.56 प्रतिशत रहा है। 2015 में टी.जी.टी. मैडीकल का परिणाम 9.23 प्रतिशत रहा है। 2016 में टी.जी.टी. मैडीकल का परिणाम 3.66 प्रतिशत रहा है। 2018 में टी.जी.टी. मैडीकल का परिणाम 8.08 प्रतिशत रहा। वहीं जून, 2019 में हुई टैट परीक्षा के दौरान टी.जी.टी. मैडीकल का परिणाम 8.95 प्रतिशत रहा। हालांकि नवम्बर, 2019 में हुई टैट परीक्षा का परिणाम आना बाकी है।

वहीं 5 साल में टी.जी.टी. नॉन-मैडीकल का परिणाम भी 20 फीसदी के आंकड़े को पार नहीं कर पाया है। हालांकि पिछले 7 सालों में से मात्र 2 साल ही टी.जी.टी. नॉन-मैडीकल का परिणाम 20 फीसदी से ऊपर रहा है। आंकड़ों के अनुसार 2013 में टी.जी.टी. नॉन-मैडीकल का परिणाम 7.5 प्रतिशत, 2014 में 8.67 प्रतिशत, 2015 में 36.36 प्रतिशत,  2016 में 12.03 प्रतिशत, 2017 में 31.46 प्रतिशत, 2018 में 18.23 प्रतिशत और जून, 2019 में हुई परीक्षा में टी.जी.टी. नॉन-मैडीकल का परिणाम 13.16 प्रतिशत रहा।

2017 में टी.जी.टी. टैट आर्टस का परिणाम रहा 5.63 प्रतिशत

वहीं टी.जी.टी. टैट आर्ट्स का परिणाम भी पिछले कुछ साल से ठीक नहीं रहा है। 2013 में टी.जी.टी. टैट आर्ट्स का परिणाम 11.5 प्रतिशत रहा। 2014 में 15.61 फीसदी, 2015 में 6.16 प्रतिशत, 2016 में 36.35 प्रतिशत, 2017 में 5.63 फीसदी, 2018 में 32.57 प्रतिशत और जून, 2019 में 20.84 प्रतिशत रहा है।

2017 से शुरू हुई उर्दू टैट परीक्षा का परिणाम भी ठीक नहीं

वहीं 2017 से हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने उर्दू व पंजाबी टैट परीक्षा का आयोजन शुरू किया। 2017 में उर्दू टैट का परीक्षा परिणाम 7.89 फीसदी और पंजाबी टैट का परिणाम 79.19 प्रतिशत रहा है। 2018 में पंजाबी टैट का परिणाम 29.24 फीसदी व उर्दू टैट का परिणाम 43.96 प्रतिशत रहा है। वहीं जून, 2019 की परीक्षा में पंजाबी टैट का परीक्षा परिणाम 28.52 व उर्दू टैट का परिणाम 12.5 फीसदी रहा है।

2013 से जून 2019 तक टैट परीक्षा देने में 18486 परीक्षार्थियों की आई कमी

वहीं 2013 से जून, 2019 तक के आंकड़ों के मुताबिक हर वर्ष टैट परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों की संख्या में कमी हो रही है। 2013 से जून, 2019 तक टैट परीक्षा देने में लगभग 18486 परीक्षार्थियों की कमी आई है। 2013 में जहां 6 विषयों की टैट परीक्षा में लगभग 83067 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी वहीं जून, 2019 में 8 विषयों की टैट परीक्षा में परीक्षार्थियों की संख्या लगभग 64581 रही है। 2014 में 6 विषयों में 31228 परीक्षार्थियों ने, 2015 में 73934 परीक्षार्थियों ने और 2016 में 66647 परीक्षार्थियों ने टैट परीक्षा दी। 2017 में 8 विषयों में 65347 परीक्षार्थियों ने और 2018 में 69072 परीक्षार्थियों ने टैट परीक्षा दी। वहीं जून, 2019 में 64581 परीक्षार्थियों ने टैट परीक्षा दी।

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