Edited By Vijay, Updated: 01 Oct, 2024 09:27 PM
देवभूमि कुल्लू जिला के स्थानीय लोगों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि बाहरी राज्यों से जिस प्रकार बड़ी संख्या में प्रवासी प्रदेश के कोने-कोने में लोकल डिश बनाकर बेचने का काम कर रहे हैं।
कुल्लू (दिलीप): देवभूमि कुल्लू जिला के स्थानीय लोगों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि बाहरी राज्यों से जिस प्रकार बड़ी संख्या में प्रवासी प्रदेश के कोने-कोने में लोकल डिश बनाकर बेचने का काम कर रहे हैं वह गलत है। ये लोग इन लोकल डिश का स्वरूप बिगाड़ रहे हैं। सिड्डू में जिस प्रकार की स्टफिंग होती है इनके द्वारा बनाए गए सिड्डू वैसे नहीं होते हैं। प्रवासियों ने नाममात्र की स्टफिंग की होती है और डिश में मूल स्वाद को बिगाड़ कर ये लोग इसका अपमान कर रहे हैं।
बेहतरीन तरीके और उत्तम दर्जे की स्टफिंग के साथ बना सिड्डू अच्छी दुकानों में 50 रुपए का है। पोश्त या तिल की नाममात्र की कामचलाऊ स्टफिंग वाले सिड्डू प्रवासी 20 रुपए में बेच रहे हैं। इस लोकल डिश का देश में काफी नाम है। पर्यटक जब प्रवासियों के बनाए सिड्डू खाते हैं तो उन्हें लगता है कि ऐसी घटिया डिश को लोग कैसे खाते होंगे। मोमो व अन्य लोकल डिश के मूल स्वरूप के साथ भी प्रवासी ऐसा ही कर रहे हैं।
स्थायी निवासी कामी राम ने कहा कि पिछले कई साल से बाहरी राज्यों से प्रवासी लोग कुल्लू जिला के विभिन्न क्षेत्रों में रेहड़ी लगाकर यहां के लोकल उत्पाद बेचकर स्थानीय लोगों के कारोबारों पर कब्जा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार को हिमाचल प्रदेश में लोकल डिश बनाने को लेकर सख्त कानून बनाए, ताकि हिमाचल के लोकल उत्पाद को बेचने के लिए बाहरी राज्यों के लोगों को लाइसैंस न दिया जाए। स्थानीय फास्ट फूड संचालक पल्लवी ठाकुर ने कहा कि मैं पिछले कुछ समय से लोकल फूड का व्यापार कर रही हूं। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले प्रवासी भी कुल्लू जिला में जगह-जगह पर कुल्लवी सिड्डू, कचौरी व मोमो बेच रहे हैं जिसके चलते स्वरूप बिगाड़ कर ये लोग लोकल फूड को बदनाम भी कर रहे हैं।
चांद किशोर ने कहा कि इस प्रकार लोकल डिश के मूल स्वरूप को बिगाड़कर खिलवाड़ करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कानून बनना चाहिए। इन लोगों पर इस प्रकार के लोकल व्यंजन बेचने पर प्रतिबंध लगना चाहिए। सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने बताया कि कुल्लू जिला में बाहरी राज्यों के लोग यहां के लोकल डिश सिड्डू मोमो बेचने का काम नहीं करेंगे। यहां के स्वयं सहायता समूह और महिला मंडल, युवक मंडल के लोग इस काम को करें, उनको प्रोत्साहित किया जाएगा। बाहर के प्रवासी व्यक्ति को किसी भी सूरत में लोकल डिश सिड्डू, मोमो, कचौरी बनाने के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी।
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