Edited By Kuldeep, Updated: 26 Apr, 2025 06:37 PM

चीन से सटे समदो बार्डर तक पहुंचने के लिए सेना को अब मालिंग की चढ़ाई पार नहीं करनी होगी। किन्नौर होकर लिओ बाईपास सड़क से होते हुए स्पीति घाटी साल भर दुनिया के लिए खुली रहेगी।
मनाली (सोनू): चीन से सटे समदो बार्डर तक पहुंचने के लिए सेना को अब मालिंग की चढ़ाई पार नहीं करनी होगी। किन्नौर होकर लिओ बाईपास सड़क से होते हुए स्पीति घाटी साल भर दुनिया के लिए खुली रहेगी। इस सड़क का निर्माण अब बार्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन करेगा। लाहौल-स्पीति की विधायक अनुराधा राणा ने मार्च महीने में विधानसभा में यह मामला उठाया था और सरकार से इस सड़क को बीआरओ को देने की मांग की थी।
अब सड़क के निर्माण का जिम्मा बीआरओ को दे दिया गया है। साढ़े 11 किलोमीटर लंबे लिओ बाईपास के निर्माण पर केंद्र और राज्य सरकार करीब 37 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। लिओ बाईपास बनने से काजा और समदो बॉर्डर से शिमला के बीच करीब 25 किलोमीटर की दूरी कम होगी। अभी शिमला से काजा और समदो की दूरी करीब 505 किलोमीटर है, जो बाईपास बनने के बाद 480 किलोमीटर रह जाएगी। सफर भी लगभग तीन घंटे कम होगा।