Edited By Kuldeep, Updated: 19 Jan, 2025 09:57 PM
जिला मुख्यालय से सटी खराहल घाटी स्थित काईस क्षेत्र में 28 फरवरी से फागली उत्सव की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। हालांकि 12 फरवरी को फागली उत्सव का आगाज होगा, लेकिन देवता के आदेश 15 दिन पहले ही लागू हो जाएंगे।
कुल्लू (धनी राम): जिला मुख्यालय से सटी खराहल घाटी स्थित काईस क्षेत्र में 28 फरवरी से फागली उत्सव की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। हालांकि 12 फरवरी को फागली उत्सव का आगाज होगा, लेकिन देवता के आदेश 15 दिन पहले ही लागू हो जाएंगे। देव आदेश के अनुसार फागली उत्सव तक हारियान व कारकून अपने क्षेत्र में धार्मिक कार्य नहीं करेंगे। घर का मुख्य व्यक्ति रात्रि के समय हारियान क्षेत्र से बाहर नहीं रहेगा। उसे हर हालत में अपने घर आना ही पडे़गा।
इसके अलावा इस दौरान बाल काटने, पूजा पाठ व देव पूछ आदि पर भी पूर्ण रूप से पाबंदी रहती है। ये देव आदेश काईस क्षेत्र के करीब 12 गांवों में लागू रहेंगे। माघ की 15 प्रविष्टे के दिन काईस से सटे धारा गांव में सुबह के समय देव थिरमल नारायण के भंडारगृह में जौ के बीज एक विशेष पात्र में बीजे जाएंगे। इसके बाद तुरंत देव आदेश लागू होगा। विशेष पात्र में रखे जौ के बीज 15 दिन में तैयार हो जाते हैं। फागली उत्सव शुरू होने से पहले देवलू देवता को जौ के फूल चढाते हैं और सुख-शांति का आशीर्वाद लेते हैं।
देव नियम भंग करने पर मिलता है दंड
देवता थिरमल नारायण के कारदार टेक सिंह ठाकुर ने कहा कि 28 जनवरी को सुबह देव आदेश पर धारा भंडार गृह में जौ के बीज बीजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि विशेष पात्र में जौ के बीज बीजने के बाद धारा गांव सहित तांदला, सोयल, घौट, बडोगी, काईस, फाडमेह व बिष्टबेहड़ आदि गांवों में धार्मिक कार्यों में पूर्ण रूप से पाबंदी रहेगी। उन्होंने कहा कि अगर कोई देव नियम को भंग करता है तो उसे देवता दंड देता है।