Edited By Kuldeep, Updated: 04 Feb, 2025 06:20 PM
प्राचीन समय से अंतर्राष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करने वाली मां कोयला भगवती को बड़ा देव कमरुनाग की बुआ के नाम से भी जाना जाता है, जिनका रथ मेले में तीसरे दिन मंडी पहुंचता है।
मंडी (नीलम): प्राचीन समय से अंतर्राष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करने वाली मां कोयला भगवती को बड़ा देव कमरुनाग की बुआ के नाम से भी जाना जाता है, जिनका रथ मेले में तीसरे दिन मंडी पहुंचता है। माता का मोहरा आधा किलो अष्ट धातु से बना है तथा इनका मंदिर बल्ह तहसील के गांव रिगड़ में है, जहां पर माता की पिंडी 20 किलो चांदी के सिंहासन पर विराजमान है। इस बार माता अपने 100 देवलुओं संग शिवरात्रि महोत्सव में 28 फरवरी को पहुंचेंगी।
बता दें कि मां भगवती के 10 चांदी के आधा-आधा किलो के मोहरे हैं, जिसमें इस बार एक मोहरा अष्ट धातु का नया तैयार किया गया है। माता सुंदरनगर, करसोग, गोहर व सुन्नी के अलावा शिमला, सोलन, नालागढ़ व चंडीगढ़ के अधिकांश लोगों की कुल देवी भी हैं। माता कोयला भगवती का मंदिर मंडी शहर से 20 किलोमीटर दूर एक किले में है। मंदिर कमेटी के मुख्य सलाहकार भीम चंद सरोच का कहना है कि मंदिर परिसर में एक साथ 3 शादियां या अन्य समारोह का आयोजन किए जाने की व्यवस्था है।