सिरमौर : शिलाई के कपिल कुमार बने सबसे युवा असिस्टैंट सुपरिंटैंडैंट ऑफ जेल

Edited By Vijay, Updated: 28 Dec, 2022 04:41 PM

kapil kumar became the youngest assistant superintendent of jail

सिरमौर जिला के दूरदराज क्षेत्र गिरिपार के शिलाई गांव में किसान परिवार में जन्मे कपिल कुमार का चयन बतौर असिस्टैंट सुपरिंटैंडैंट ऑफ जेल के रूप में हुआ है। कपिल कुमार इस पद पर पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के युवा अधिकारी हैं।

हिमाचल डैस्क: सिरमौर जिला के दूरदराज क्षेत्र गिरिपार के शिलाई गांव में किसान परिवार में जन्मे कपिल कुमार का चयन बतौर असिस्टैंट सुपरिंटैंडैंट ऑफ जेल के रूप में हुआ है। कपिल कुमार इस पद पर पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के युवा अधिकारी हैं। कपिल कुमार के पिता कल्याण सिंह व माता रुकमी देवी खेतीबाड़ी का कार्य करते हैं। कपिल कुमार की 2 बहनें कौशल्या व सुनीता वर्तमान में भाषा अध्यापक पद पर शिक्षा विभाग में सेवारत हैं तथा छोटा भाई अमित कुमार प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटा है।

कपिल की स्कूली शिक्षा सरकारी स्कूल शिलाई से हुई। उन्होंने साइंस स्ट्रीम में 12वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की तत्पश्चात स्नातक की डिग्री सैंटर ऑफ एक्सीलैंस गवर्नमैंट कॉलेज संजाैली से प्रथम श्रेणी में प्राप्त की। कॉलेज से पासआऊट के तुरंत बाद उन्होंने कड़ी लगन के साथ जून, 2016 में ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी थी। बिना कोचिंग लिए स्वयं अध्ययन से कड़ी मेहनत व संघर्ष कर 2 बार राज्य सहकारी बैंक के लिपिक पद भर्ती के साक्षात्कार तक पहुंचे परन्तु अंतिम चयन नहीं हुआ। वर्ष 2017 में पुलिस विभाग में बतौर सिपाही भर्ती हुए। सिपाही पद पर कार्य करते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जारी रखी और वर्ष 2018 में कर्मचारी चयन आयोग के लिपिक पोस्ट कोड-484 में चयन हुआ परंतु ज्वाइन नहीं किया।

वह 2 बार एलाइड सर्विसिज की प्रारंभिक परीक्षा पास की परंतु मुख्य परीक्षा में सफलता प्राप्त करने से चूक गए। यही नहीं, सब इंस्पैक्टर पद की प्रारंभिक परीक्षा भी पास की। वर्ष 2019 में भाषा एवं संस्कृति विभाग में बतौर संरक्षण सहायक पद पर अंतिम चयन से बाहर हुए। वर्ष 2020 में मैट्रोलॉजी इंस्पैक्टर पद के अंतिम चयन तक पहुंचे किंतु सफलता से चूक गए। लंबे संघर्ष व मेहनत उपरांत  वर्ष 2022 में बतौर असिस्टैंट सुपरिंटैंडैंट ऑफ जेल/वैल्फेयर ऑफिसर पद पर अंतिम चयन हुआ तथा अब जिला कारागार ऊना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

कपिल कुमार द्वारा प्राप्त इस उपलब्धि से जहां माता-पिता व परिवार गर्व महसूस कर रहे हैं तो वहीं सम्पूर्ण क्षेत्र में खुशी की लहर है। कपिल कुमार का कहना है कि सिर्फ और सिर्फ कड़ी मेहनत व लगन से मुकाम हासिल किया जा सकता। हमें असफलताओं से निराश नहीं होना है क्योंकि असफलता ही सफलता की कुंजी है।

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