हिमाचल में जेएसवाई योजना बनी वरदान, 16354 गर्भवती महिलाओं को मिला लाभ

Edited By prashant sharma, Updated: 15 Oct, 2021 04:43 PM

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हिमाचल में जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई है। बीते डेढ़ साल में प्रदेश में 16354 गर्भवती महिलाओं ने जेएसवाई प्लस योजना का लाभ उठाया।

शिमला (जस्टा) : हिमाचल में जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई है। बीते डेढ़  साल में प्रदेश में 16354 गर्भवती महिलाओं ने जेएसवाई प्लस योजना का लाभ उठाया। बता दें कि जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) भारत सरकार की सुरक्षित मातृत्व को प्रोत्साहित करने की योजना है, जिसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन प्रदान कर गरीब गर्भवती महिलाओं (बीपीएल/एससी/एसटी) को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित करना है। इस पहल के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित करने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को ग्रामीण क्षेत्र में 600 रुपए और शहरी क्षेत्रों में 400 प्रोत्सहान राशि के रूप में प्रदान किए जाते हैं। इसी तरह यदि एक योग्य गर्भवती महिला (बीपीएल/एससी/एसटी) किसी सरकारी संस्थान में प्रसव करवाती है तो उसे ग्रामीण क्षेत्रों में 700 रुपए और शहरी क्षेत्रों के लिए 600 रुपए का प्रोत्साहन दिया जाता है। इसके अतिरिक्त बीपीएल महिलाएं जो घर पर प्रसव करवाती हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की उन महिलाओं को 500 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। 

प्रत्यक्ष बैंक हस्तांतरण तंत्र के माध्यम से होता लाभार्थी को प्रोत्साहनों का भुगतान

 इस योजना के तहत लाभार्थियों को सभी प्रोत्साहनों का भुगतान प्रत्यक्ष बैंक हस्तांतरण तंत्र के माध्यम से किया जाता है, जिसके लिए आवश्यक जानकारी (आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण) प्रथम एएनसी पंजीकरण के समय प्राप्त की जाती है। जननी सुरक्षा योजना के सभी लाभार्थियों का विवरण, जिसमें लाभार्थी का बैंक खाता, आधार कार्ड नंबर से जुड़ा हुआ होना चाहिए, उससे संबंधित जानकारी को स्वास्थ्य कार्यकर्ता जैसे स्वास्थ्य कार्यकर्ता, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक आदि द्वारा आरसीएच पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। जिस संस्थान में प्रसव होता है, वह आरसीएच पोर्टल पर परिणाम अपलोड करता है और संबंधित स्वास्थ्य अधिकारी जननी सुरक्षा योजना की प्रोत्साहन राशि लाभार्थी के बैंक में हस्तांतरित करने की सुविधा प्रदान करता है। राज्य सरकार ने दिसम्बर, 2019 में जननी सुरक्षा योजना को जननी सुरक्षा प्लस में स्तरोन्नत किया है।

वित्तीय मापदंडों को किया संशोधित 

जननी सुरक्षा योजना प्लस पहल के तहत राज्य ने योग्य गर्भवती माताओं को प्रोत्साहन वितरित करने के लिए वित्तीय मापदंडों को संशोधित किया गया है, जिसके अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रोत्साहनों के अलावा राज्य के बजट द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 400 रुपए और शहरी क्षेत्रों के लिए 500 रुपए का योगदान प्रदान किया जाता है। जेएसवाई प्लस के अनुसार सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव करवाने वाली गर्भवती महिलाएं उम्र और बच्चों की संख्या के बावजूद ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 1100 रुपए के लिए पात्र हैं। 

गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली गर्भवती को घर जाने के लिए मिलते हैं 500 

जननी सुरक्षा के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार 700 रुपए और राज्य सरकार 400 रुपए तथा शहरी क्षेत्रों में भारत सरकार 600 रुपए और प्रदेश सरकार 500 रुपए का योगदान देती है। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली महिलाओं को घर पहुंचाने की सुविधा प्रदान करने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 500 रुपए प्रदान किए जाते हैं। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 16354 गर्भवती महिलाओं ने जेएसवाई प्लस योजना का लाभ उठाया।
 

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