Edited By Kuldeep, Updated: 27 Aug, 2022 07:17 PM
भूस्खलन व बाढ़ से लोगों का जिंदगियां बचाने के लिए आईआईटी मंडी में शोध कार्य किया जाए। कृषि-बागवानी के क्षेत्र में भी शोध होना चाहिए। यह बात शनिवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी में संस्थान हिमालयन स्टार्टअप...
मंडी (रजनीश) : भूस्खलन व बाढ़ से लोगों का जिंदगियां बचाने के लिए आईआईटी मंडी में शोध कार्य किया जाए। कृषि-बागवानी के क्षेत्र में भी शोध होना चाहिए। यह बात शनिवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी में संस्थान हिमालयन स्टार्टअप ट्रैक के छठे संस्करण का शुभारंभ अवसर पर कही। मुख्यमंत्री ने आईआईटी कैटलिस्ट को-वर्क स्पेस एंड आई. हब और एचसीआई फाऊंडेशन के कार्यालय का भी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र में स्थित आईआईटी में आना-जाना मुश्किल है और यहां की भौगोलिक परिस्थितियां भी अलग हैं। ऐसे में बल्ह का प्रस्तावित एयरपोर्ट अहम साबित होगा। मंडी जिले में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा शीघ्र ही विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से शीर्ष स्टार्टअप को आईआईटी मंडी कैटलिस्ट द्वारा इन्क्यूबेशन स्पोर्ट के लिए चुना जाएगा। राज्य सरकार स्टार्टअप नीति में संशोधन के लिए आईआईटी मंडी से भी सुझाव मांग रही है, ताकि स्टार्टअप्स को अधिक लाभ प्रदान किया जाए। आईआईटी के निदेशक डाॅ लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा कि प्रधानमंत्री स्टार्टअप में भारत को आगे बढ़ाना चाहते हैं। इसके लिए ईको सिस्टम बनाने की आवश्यकता है। वैज्ञानिक डाॅ अजय गर्ग ने कहा कि आईआईटी मंडी के पास कमांद में एक स्थायी स्टार्टअप घाटी बनाने की योजना है, जो देश भर से उच्च तकनीकी स्टार्टअप को आकर्षित करेगी।
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