HPSSC के कर्मचारियों को नहीं मिला जनवरी माह का वेतन

Edited By Vijay, Updated: 02 Feb, 2023 10:41 PM

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हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को पेपर लीक मामले के बाद सस्पैंड तो कर दिया है लेकिन आयोग में काम करने वाले कर्मचारी जनवरी माह का वेतन न मिलने से परेशान हैं। यह भी सामने आया है कि कर्मचारी चयन आयोग अपने ही कार्यालय में खाली पदों को नहीं भर...

हमीरपुर (अनिल): हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को पेपर लीक मामले के बाद सस्पैंड तो कर दिया है लेकिन आयोग में काम करने वाले कर्मचारी जनवरी माह का वेतन न मिलने से परेशान हैं। यह भी सामने आया है कि कर्मचारी चयन आयोग अपने ही कार्यालय में खाली पदों को नहीं भर सका जबकि कार्यालय में विभिन्न पद काफी समय से रिक्त चल रहे थे। हालांकि पेपर लीक मामले की जांच चली हुई है और कर्मचारी इस मामले को लेकर पूरा सहयोग भी कर रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों को जनवरी माह का वेतन नहीं मिला है। इस संबंध में कर्मचारी संघ ने वीरवार को संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सविता गुलेरिया व महासचिव जोग्रिंद्र सिंह की अध्यक्षता में बैठक की। बैठक में कर्मचारियों ने जनवरी माह का वेतन न मिलने पर रोष प्रकट किया। 

कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने दिन-रात मेहनत करके विज्ञापित पदों को भरने के लिए अपना दायित्व पूर्ण निष्ठा से निभाया है। आयोग के कार्यालय में 100 पद स्वीकृत थे। उनमें से 35 पद रिक्त थे जिन्हें भरा ही नहीं गया और 65 कर्मचारियों से ही काम करवाया गया। उन्होंने बताया कि अधिकारी व चतुर्थ श्रेणी के पदों को छोड़ दिया जाए तो आयोग में अधीक्षक-5, वरिष्ठ सहायक-5, लिपिक, कनिष्ठ सहायक व कनिष्ठ सहायक के 17 पद ही भरे हुए हैं। इससे आयोग में नौकरी से संबंधित प्रक्रिया को चलाया जा रहा था जोकि भर्तियों के अतिरिक्त न्यायालय मामलों, आरटीआई से संबंधित मामलों सहित अन्य शाखाओं के कार्यों को निपटाने में अपना सहयोग कर रहे थे। यही नहीं, भर्ती संबंधित कई मामलों की छंटनी परीक्षा के लिए चालक, चपड़ासी, सफाई कर्मी व चौकीदार को भी विभिन्न परीक्षा केंद्रों में परीक्षा से संबंधित कार्यों को निपटाने के लिए नियुक्त किया जाता रहा है। इस बारे में कार्मिक विभाग को पहले ही अवगत करवाया गया था।

संघ के सदस्यों ने यह भी बताया कि हालात इस कदर थे कि अगर कोई कर्मचारी परीक्षा के दौरान अपनी ड्यूटी देकर आता था तो उसे रात को 12 बजे भी कार्यालय में बुलाया जाता था। आयोग कार्यालय में कर्मचारियों की कम संख्या होने के बावजूद भी कर्मचारियों ने अपने कार्य को निपटाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है लेकिन आरोपित कर्मचारी की वजह से अन्य निर्दोष कर्मचारियों को भी अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है। कार्यालय के कार्य को सरकार द्वारा निलंबित करने के आदेशों के चलते उनकी पदोन्नति तथा सेवानिवृत्ति व अन्य सेवा नियमों से संबंधित मामले लंबित हो गए हैं। 

कर्मचारियों ने सरकार से पुन: आग्रह किया कि आयोग के निर्दोष कर्मचारियों के हितों व समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आयोग की कार्यप्रणाली में सुधार करके आयोग को बहाल करने के आदेश जारी करने की घोषणा शीघ्र की जाए। संघ ने आरोपित कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है तथा आयोग की कार्यप्रणाली को और मजबूत करने के लिए किसी आईएएस अधिकारी को नियुक्त करने की भी मांग की है। 

इस मामले में हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के सचिव जितेंद्र सांजटा ने बताया कि एचओडी की शक्तियां चेयरमैन के पास थीं। आयोग के निलंबन के बाद मुझे सचिव बनाया गया है लेकिन डीडीओ शक्तियां अभी किसी को नहीं दी गई हैं। इसी वजह से कर्मचारियों का वेतन नहीं दिया गया है। उन्होंने बताया कि डीडीओ पावर न होने से कई और कार्य भी लटक गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बारे में सरकार को लिखा है कि डीडीओ की शक्तियां दी जाएं जिससे वित्तीय संबंधी समस्याएं न हों। उन्होंने बताया कि सरकार शीघ्र ही इस मामले में कोई कदम उठाएगी।

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