Shimla : किन्नौर में उद्यान विभाग ने तैयार की सेब की 26 नई किस्मों की नर्सरी

Edited By Kuldeep, Updated: 30 Dec, 2024 04:04 PM

horticulture department has prepared nursery of 26 new varieties of apple

जिला किन्नौर का सेब अपने लाजवाब स्वाद मिठास और लाभकारी गुणों के लिए देश-विदेश में विख्यात है। जिला किन्नौर में सेब की बागवानी जिले के लोगों की आर्थिकी का मुख्य साधन है। हर वर्ष जिले से करोड़ों रुपए के सेब का कारोबार होता है।

रिकांगपिओ (कुल भूषण): जिला किन्नौर का सेब अपने लाजवाब स्वाद मिठास और लाभकारी गुणों के लिए देश-विदेश में विख्यात है। जिला किन्नौर में सेब की बागवानी जिले के लोगों की आर्थिकी का मुख्य साधन है। हर वर्ष जिले से करोड़ों रुपए के सेब का कारोबार होता है। यहां का सेब ठोस और अन्य क्षेत्रों के अलावा किन्नौर का सेब लंबे समय तक टिकता है। उद्यान विभाग किन्नौर इस बार भी जिले के सेब बागवानों को सेब की उन्नत किस्मों के सेब के पौधे उपलब्ध कराने जा रहा है। जनजातीय जिला किन्नौर में उद्यान विभाग ने जिले में 15 निजी नर्सरियों को पंजीकृत किया है। इनमें 13 प्रकार के करीब 96 हजार फल पौधे उपलब्ध हैं। जिले के तीनों खंडों में निजी नर्सरियों से अच्छी गुणवत्ता वाले पौधे के साथ प्रमाणित सेब और फलदार पौधों को बागवानों को उचित दाम पर उपलब्ध करवाया जाएगा। किन्नौर उद्यान विभाग के उप निदेशक डॉ. उपेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि विभाग ने जिले में 26 किस्मों की नर्सरी तैयार की है। अब तक 40 हजार सेब पौध की मांग प्राप्त हुई है।

बागवानी विभाग ने कल्पा खंड से राजा नर्सरी, विद्या नर्सरी, हर्षित फ्रूट नर्सरी, विमल कुमार रोधी, सियाल दास, पूह खंड से सुशील कुमार, नीमा छेरिंग, कलजंग दंडूप, निचार खंड से कीमो खांगसर, ठाकुर नर्सरी, नील कांत फ्रूट नर्सरी, कुशाल, प्लांट फोर्स नर्सरी, जीएनओ फ्रूट नर्सरी को पंजीकृत किया है। इन नर्सरियों में रॉयल डिलिशियस, सुपर चीफ, ग्रेनी स्मीथ, स्कार्टलेट स्पर-2, गेलगाला, किंग रोट, जेरोमाईन, डार्क बैरनगाला, रेडलम गाला, अर्ली रेड वन, फैन जेड (जेड वन), रेड वेलोक्स और गालावल। इसके अलावा उद्यान विभाग की ओर से वितरित किए जाने वाले मुख्य सेब की पौधों की किस्में एड्मस, रॉयल डिलिशियस, सुपर चीफ, जैरोमाइन, रेड वेलोक्स, रेडकेप वालटोड, किंग रॉट, औरेगन स्पर-2, स्कार्टलेट स्पर-2, शेलेट स्पर, चेलान स्पर, मेमा मास्टर 2284, हेप्का, गोल्डन डिलिशियस, ग्रेनी स्मीथ, ग्रेनी स्मीथ चैलेंजर, गाला शनिका शनिको रेड, शनिको गाला, गेल गाला, गालावल, बकआई गाला, अलटीमा गाला, रेडलम गाला, टी रेक्स गाला, डार्क बैरन गाला और फेन प्लस गाला मिलेंगी। सीडलिंग रूट स्टॉक पर कलमी और क्लोनल रूट स्टॉक पर मूल्य विभाग ने 180 से 200 रुपये मूल्य निर्धारित किया है। तीन से पांच शाखा वाली पौध की कीमत 200 से 300 रुपये और 5 शाखा से ज्यादा सेब के पौध 300 से 400 रुपये मूल्य निर्धारित किया है। बीते वर्ष अमेरिका से आयातित पौधे बादाम, पलम और अखरोट इत्यादि का मूल्य 300 रुपये प्रति पौध निर्धारित किया है। उद्यान विभाग जिला किन्नौर की ओर से जनवरी के दूसरे सप्ताह में नर्सरियों में पौधों की बिक्री की जाएगी।
 

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