हिमाचल सरकार का संकल्प: दिव्यांगजनों के जीवन में उजाला भर रही यह 'योजना'

Edited By Jyoti M, Updated: 19 Dec, 2025 03:06 PM

himachal the  relief allowance scheme  is bringing hope

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के प्रगतिशील एवं संवेदनशील नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण के लिए पूरी तरह संकल्पबद्ध है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के जरिए...

ऊना। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के प्रगतिशील एवं संवेदनशील नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण के लिए पूरी तरह संकल्पबद्ध है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के जरिए दिव्यांगजनों को आर्थिक सुरक्षा, सम्मानजनक जीवन और आत्मनिर्भरता प्रदान की जा रही है, ताकि वे समावेशी शिक्षा, कौशल विकास और समाज की मुख्यधारा से प्रभावी रूप से जुड़ सकें।

प्रदेश सरकार के ये प्रयास मुख्यमंत्री की जन-हितैषी और समावेशी सोच को प्रतिबिंबित करते हैं। मुख्यमंत्री का स्पष्ट मानना है कि दिव्यांगजनों को केवल सहायता तक सीमित रखना उद्देश्य नहीं है, बल्कि उन्हें सम्मान, समान अवसर और सुरक्षित भविष्य उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

दिव्यांग राहत भत्ता योजना से मिल रहा आर्थिक संबल

प्रदेश सरकार की दिव्यांग राहत भत्ता योजना दिव्यांगजनों के लिए आर्थिक संबल का सशक्त माध्यम बनी है। योजना के अंतर्गत 40 से 69 प्रतिशत विकलांगता वाले पुरुषों को 1150 रुपये तथा महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह पेंशन प्रदान की जा रही है। वहीं 70 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांगता वाले पुरुषों एवं महिलाओं को 1700 रुपये प्रतिमाह की सहायता राशि दी जा रही है। मानसिक रूप से अविकसित व्यक्ति भी इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त कर सकते हैं। योजना का लाभ 40 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांगता वाले पात्र व्यक्तियों को दिया जा रहा है।

ऊना जिले में 8608 लाभार्थी हो रहे लाभान्वित

जिला कल्याण अधिकारी ऊना आवास पंडित ने बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के मार्गदर्शन में दिव्यांगजनों के कल्याण हेतु संचालित योजनाओं का लाभ जिले के पात्र लाभार्थियों तक प्रभावी ढंग से पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में 40 से 69 प्रतिशत विकलांगता श्रेणी के 3450 तथा 70 प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले 5100 दिव्यांग पुरुष एवं महिलाएं दिव्यांग राहत भत्ता योजना के अंतर्गत लाभान्वित हो रहे हैं।

उन्होंने जानकारी दी कि अप्रैल से सितंबर 2026 की अवधि के दौरान जिले में इस योजना के अंतर्गत 5 करोड़ 38 लाख 61 हजार 850 रुपये की राशि व्यय की गई है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना के तहत 40 से 69 प्रतिशत श्रेणी के एक लाभार्थी तथा 70 प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले 57 दिव्यांगजनों को प्रति तिमाही कुल 2 लाख 78 हजार 850 रुपये की पेंशन प्रदान की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि 40 प्रतिशत से कम विकलांगता वाले व्यक्ति इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं, जबकि पात्र लाभार्थियों के लिए कोई आय या आयु सीमा निर्धारित नहीं की गई है।

योजना के लाभ के लिए ये हैं ज़रूरी दस्तावेज़

दिव्यांग राहत भत्ता योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए हिमाचली प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, आयु प्रमाण-पत्र, विकलांगता प्रमाण-पत्र, परिवार नकल, राशन कार्ड तथा बैंक खाते की प्रति आवश्यक है। योजना के लिए आवेदन पत्र जिला कल्याण अधिकारी अथवा तहसील कल्याण अधिकारी के कार्यालय से किसी भी कार्यदिवस में प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक प्राप्त किए जा सकते हैं।

प्रशासन कल्याणकारी योजनाओं का समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से लाभ पहुंचाने को प्रतिबद्ध

उपायुक्त ऊना जतिन लाल का कहना है कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दिशानिर्देशों के अनुरूप जिला प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि दिव्यांगजनों तक सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पहुंचे। प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाएं दिव्यांगजनों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं और उन्हें आत्मसम्मान के साथ समाज की मुख्यधारा में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान कर रही हैं।

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