Edited By Jyoti M, Updated: 04 Jun, 2025 12:50 PM

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित दुर्गम पांगी घाटी में साच पास दर्रे पर अचानक बर्फ के छोटे-छोटे ग्लेशियर (हिमस्खलन) गिरने से अफरा-तफरी मच गई। इस घटना के कारण वहां से गुजर रहे कई सैलानियों और स्थानीय यात्रियों के वाहन बीच रास्ते में ही फंस गए।...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित दुर्गम पांगी घाटी में साच पास दर्रे पर अचानक बर्फ के छोटे-छोटे ग्लेशियर (हिमस्खलन) गिरने से अफरा-तफरी मच गई। इस घटना के कारण वहां से गुजर रहे कई सैलानियों और स्थानीय यात्रियों के वाहन बीच रास्ते में ही फंस गए। हालांकि, प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बचा लिया है, लेकिन सड़क से पूरी तरह बर्फ हटाने का काम अभी भी जारी है।
जानकारी के अनुसार, मुख्य सड़क पर जगह-जगह ग्लेशियर का मलबा नीचे की ओर आया और सड़क को पूरी तरह से रोक दिया। कुछ लोग अपने वाहनों को बर्फ से निकालने की कोशिश करते हुए दिख रहे हैं, लेकिन बिना किसी मशीनरी के वे खुद को असहाय महसूस कर रहे थे।
स्थानीय सूत्रों ने बताया कि मुख्य सड़क पर कई जगहों पर छोटे-छोटे ग्लेशियर टूटकर गिरे, जिससे मार्ग कई हिस्सों में बाधित हो गया। इससे शुरुआत में यह आशंका थी कि कुछ वाहन अभी भी फंसे हो सकते हैं। जब तक सड़क से पूरी तरह बर्फ नहीं हटाई जाती, वाहनों को सुरक्षित निकालना एक बड़ी चुनौती बनी रहेगी।
घटना की जानकारी मिलते ही चंबा के उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने तत्काल संज्ञान लिया। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने तुरंत स्थानीय सुरक्षा चौकी पर तैनात टीम को सतर्क किया और मौके पर रवाना किया। उपायुक्त ने कहा, “हमें जैसे ही घटना की जानकारी मिली, हमने तत्काल राहत कार्य शुरू कर दिए और सभी फंसे लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। यह हमारी प्राथमिकता थी कि कोई हताहत न हो।”
फिलहाल, किसी के भी हताहत होने की कोई सूचना नहीं है, जो एक राहत की बात है। लेकिन प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बर्फबारी और ग्लेशियर वाले क्षेत्रों में यात्रा करते समय अत्यधिक सतर्क रहें और मौसम विभाग द्वारा जारी की गई चेतावनियों पर विशेष ध्यान दें।
गौरतलब है कि साच पास दर्रा चंबा के पांगी और फिर लाहौल घाटी की तरफ जाने वाले सैलानियों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है। यह मार्ग साल में केवल कुछ ही महीनों के लिए, खासकर गर्मियों में, खुलता है। सर्दियों के दौरान, लाहौल स्पीति से चंबा जाने के लिए यात्रियों को मंडी और कांगड़ा होकर एक लंबा रास्ता तय करना पड़ता है।