Edited By Rahul Singh, Updated: 08 Dec, 2022 08:51 PM
हिमाचल प्रदेश की फतेहपुर विधानसभा सीट चुनाव 2022 पर एक बार फिर कांग्रेस का कब्जा हो गया। यूं तो बीजेपी ने अपने वन मंत्री राकेश पठानिया को कांग्रेस के प्रत्याशी भवानी सिंह पठानिया को हराने के लिए नुरपूर से उठाकर फतेहपुर भेजा, लेकिन यहां की जनता ने...
फतेहपुर (राहुल राणा) : हिमाचल प्रदेश की फतेहपुर विधानसभा सीट पर एक बार फिर कांग्रेस का कब्जा हो गया। यूं तो बीजेपी ने अपने वन मंत्री राकेश पठानिया को कांग्रेस के प्रत्याशी भवानी सिंह पठानिया को हराने के लिए नुरपूर से उठाकर फतेहपुर भेजा, लेकिन यहां की जनता ने फिर कांग्रेस को विजयी बनाया। भवानी ने 7354 वोटों से जीत हासिल की। जीतने के बाद उन्होंने कहा कि वे पहले से जीत को लेकर आश्वासित थे।
भवानी ने कहा, ''मैं शुरू से ही कह रहा था कि यह एकतरफा मुकाबला हो जाएगा और जितने भी हमारे आजाद प्रत्याशी हैं वो 3-4 हजार पर सिमट जाएंगे, बिल्कुल वैसा ही हुआ। जनता ने लगभग 52 प्रतिशत वोट शेयर देकर इस सीट पर कांग्रेस पर भरोसा दिखाया है।'' भवानी ने आगे कहा, यह ना केवल फतेहपुर की जनता की जीत है, बल्कि कार्यकर्ताओं की भी जीत है। इनमें जोश है जिसके कारण बहुत ही कद्दावर नेता (यानी कि राकेश पठानिया) को इतने बड़े मतों से हराकर फतेहपुर को दोबारा फतेह कर पाए हैं।''
कुल वोटों की बात करें तो भवानी सिंह को 32452, जबकि बीजेपी के राकेश पठानिया को 25462 वोट मिले। यहां से भाजपा से बागी होकर लड़ रहे पूर्व भाजपा उपाध्यक्ष कृपाल परमार को 2794 वोट मिले। वहीं ,आप उम्मीदवार राजन सुशांत को चौथा स्थान मिला और उन्हें 1266 वोट मिले।
पहले भवानी के पिता पड़ते थे सब पर भारी
भवानी ने इससे पहले 2021 उप-चुनाव के दाैरान जीत हासिल की थी। तब उन्होंने 24449 वोट लेते हुए भाजपा प्रत्याशी बलदेव ठाकुर को 5789 मतों से शिकस्त दी थी। भवानी से पहले उनके स्वर्गीय पिता सुजान सिंह पठानिया बीजेपी पर भारी पड़ते थे, उनका ये अंदाज अब उनके बेटे भवानी ने भी जारी कर दिया है। भवानी के पिता सुजान सिंह पठानिया के नाम उप-चुनाव 2009, 2012 और 2017 का चुनाव जीतकर हैट्रिक बनाने और सात बार फतेहपुर का विधायक बनने का रिकॉर्ड है। वहीं अब उनके बेटे भवानी लगातार दो बार विधायक बन चुके हैं।