Edited By Jyoti M, Updated: 19 Dec, 2025 01:07 PM

शिमला का एक परिवार उस समय गहरे सदमे में आ गया, जब शेयर बाजार में मोटा पैसा कमाने का उनका सपना एक डिजिटल डकैती में बदल गया। व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए शुरू हुआ यह खेल 14 लाख रुपये की चपत लगने के बाद खत्म हुआ।
हिमाचल डेस्क। शिमला का एक परिवार उस समय गहरे सदमे में आ गया, जब शेयर बाजार में मोटा पैसा कमाने का उनका सपना एक डिजिटल डकैती में बदल गया। व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए शुरू हुआ यह खेल 14 लाख रुपये की चपत लगने के बाद खत्म हुआ।
भरोसे की आड़ में बिछाया गया 'हनी ट्रैप'
मामला बालूगंज थाना क्षेत्र का है, जहाँ चौड़ा मैदान निवासी एक व्यक्ति साइबर अपराधियों के चतुर जाल में फंस गया। ठगी की शुरुआत 31 अक्टूबर को हुई, जब पीड़ित को 'एनबी ग्रुप' नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने का इनविटेशन मिला। ग्रुप में मौजूद लोग खुद को शेयर बाजार का विशेषज्ञ बताकर 'बल्क शेयर डील' (थोक सौदों) के जरिए रातों-रात अमीर बनने के दावे कर रहे थे।
ऐसे जीता ठगों ने पीड़ित का विश्वास
साइबर ठगों ने मनोविज्ञान का सहारा लेते हुए शुरुआत में पीड़ित को फंसाने के लिए एक चाल चली:
शुरुआती निवेश: पीड़ित ने अच्छे मुनाफे की उम्मीद में कुल 15.50 लाख रुपये अलग-अलग किस्तों में लगाए।
फर्जी भरोसा: जब पीड़ित ने पहली बार 1.5 लाख रुपये निकालने चाहे, तो ठगों ने तुरंत पैसे ट्रांसफर कर दिए। इस सफल निकासी ने पीड़ित को यकीन दिला दिया कि यह प्लेटफॉर्म असली है।
असली चेहरा: जब पीड़ित ने विश्वास में आकर बड़ी रकम (7 लाख रुपये) निकालने की कोशिश की, तो उसे तुरंत व्हाट्सएप ग्रुप से बाहर कर दिया गया और तकनीकी खामियों का बहाना बनाकर और पैसों की मांग की जाने लगी।
कंपनी के नाम पर चल रहा था फर्जी साम्राज्य
जब पीड़ित ने सीधे 'एनबी ग्रुप' की आधिकारिक ईमेल आईडी पर संपर्क किया, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। कंपनी ने स्पष्ट किया कि उनके नाम का इस्तेमाल करके कोई फर्जी ऐप और ग्रुप लोगों को लूट रहा है। इसके बाद पीड़ित ने बालूगंज पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जहाँ पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318 (2) के तहत मामला दर्ज किया है।
साइबर एक्सपर्ट्स और पुलिस की चेतावनी
एसएसपी संजीव कुमार गांधी ने इस मामले की पुष्टि करते हुए जनता को सचेत किया है। पुलिस की जांच में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव सामने आए हैं:
केवल SEBI रजिस्टर्ड ऐप्स का उपयोग करें।
व्हाट्सएप या टेलीग्राम पर मिले निवेश लिंक पर भरोसा न करें।
किसी भी निवेश से पहले कंपनी की साख जांचें।
अनजान नंबरों से आए 'बल्क डील' के झांसे में न आएं। संदेह होने पर तुरंत 1930 पर कॉल करें।
अज्ञात ऐप पर अपनी बैंकिंग जानकारी साझा न करें।