Edited By Vijay, Updated: 27 Apr, 2023 11:07 PM
प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला जिले के चिखर स्कूल में जातिगत भेदभाव से जुड़े मामले में कड़ा संज्ञान लिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने मुख्य सचिव से जवाब तलब किया है।
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला जिले के चिखर स्कूल में जातिगत भेदभाव से जुड़े मामले में कड़ा संज्ञान लिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने मुख्य सचिव से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव समेत प्रारंभिक शिक्षा के निदेशक और उपनिदेशक तथा चिखर स्कूल के एसएमसी अध्यक्ष को प्रतिवादी बनाया है। मामले की सुनवाई 11 मई को निर्धारित की गई है। पंजाब केसरी में प्रकाशित खबर पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। पंजाब केसरी ने मिड-डे मील महिला कर्मी के साथ हो रहे जातिगत भेदभाव को उजागर किया है। खबर में स्पष्ट किया गया है कि स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष राम सिंह ने इस मामले पर अनभिज्ञता जताई है। उन्होंने कहा कि इसके बारे में उन्हें कोई पता नहीं है। हालांकि स्कूल के कई कार्यों में एसएमसी के प्रधान व सदस्यों की भागीदारी रहती है।
यह है मामला
बताया गया है कि इसकी शिकायत बीते दिसम्बर माह में स्कूल के प्रधानाचार्य ने जिला उपनिदेशक को भेजी थी लेकिन मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। खबर के अनुसार जब से स्कूल में एक दलित महिला को बतौर मिड-डे मील कर्मी नियुक्त किया गया है, तब से स्कूल में यह विवाद उत्पन्न हुआ है। स्कूल के 40 बच्चों में से 20 बच्चे ही महिला के बनाए हुए भोजन को खाते हैं। बाकी 20 बच्चे स्कूल में दोपहर का भोजन नहीं खाते। हालांकि जब दूसरे कर्मी भोजन तैयार करते हैं तो सभी बच्चे स्कूल में ही भोजन करते हैं। स्कूल में दोपहर के भोजन के लिए भी बच्चों को अलग-अलग बिठाया जाता है। जिन शिक्षकों ने यह मामला उठाया था, उन्हें बाद में यहां से किसी अन्य स्कूल में ट्रांसफर कर दिया गया।
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