Edited By Vijay, Updated: 27 Dec, 2022 09:17 PM

प्रदेश हाईकोर्ट ने वर्ष 2001 में नियुक्त शारीरिक शिक्षकों के चयन में दखल देने से इंकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने विजेंद्र कुमार व अन्यों द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि नियुक्तियों...
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने वर्ष 2001 में नियुक्त शारीरिक शिक्षकों के चयन में दखल देने से इंकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने विजेंद्र कुमार व अन्यों द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि नियुक्तियों को हुए 22 वर्ष हो गए हैं। कोर्ट ने नियुक्ति के इतने लम्बे समय और प्रार्थियों के 11 जिलों से चयनित शिक्षकों से कम अंकों को देखते हुए चयन प्रक्रिया में दखल देने से इंकार कर दिया। मामले का निपटारा करते हुए कोर्ट ने कहा कि अनेकों चयनित शिक्षकों को इस मामले में पक्षकार भी नहीं बनाया गया है। मामले के अनुसार प्रार्थियों ने ट्रिब्यूनल में मामला दायर कर चयन प्रक्रिया को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि शिक्षा विभाग ने शारीरिक शिक्षकों के चयन की सूची राज्य स्तर पर न बनाकर जिलेवार बनाई। इस कारण वे चयनित नहीं हो पाए। उल्लेखनीय है कि 15 मार्च 2001 को जारी विज्ञापन के तहत प्रदेश में 239 शारीरिक शिक्षकों का चयन किया गया था। वास्तव में ये पद जिला कैडर के हैं।
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