Himachal: पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय की 112 हैक्टेयर भूमि को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

Edited By Vijay, Updated: 24 Sep, 2024 07:46 PM

high court stayed the transfer of land of agricultural university

प्रदेश हाईकोर्ट ने पालमपुर स्थित चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय की 112 हैक्टेयर भूमि को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने पर रोक लगा दी है।

शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने पालमपुर स्थित चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय की 112 हैक्टेयर भूमि को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने पर रोक लगा दी है। हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर टीचर्स एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर व न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने उपरोक्त आदेश पारित किए। प्रार्थी संस्था के अनुसार पर्यटन गांव बनाने के लिए कृषि विश्वविद्यालय की भूमि का हस्तांतरण किया जाना कानूनी तौर पर गलत है क्योंकि इस परियोजना के लिए राज्य सरकार के पास अन्य विकल्प मौजूद हैं।

प्रार्थी संस्था के अनुसार पालमपुर स्थित सीएसकेएयू एक ऐतिहासिक संस्थान है। यह सबसे पहले 1950 के दशक में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के क्षेत्रीय केंद्र के रूप में कांगड़ा में आया था। जब कांगड़ा संयुक्त पंजाब का हिस्सा था। पंजाब के पहाड़ी क्षेत्रों को हिमाचल में मिलाने के बाद राज्य सरकार ने इसे पूर्ण विकसित विश्वविद्यालय बना दिया। पालमपुर में सीएसकेएयू के पास शुरू में करीब 400 हैक्टेयर जमीन थी। समय के साथ विश्वविद्यालय की 125 हैक्टेयर जमीन विभिन्न सरकारी विभागों को आबंटित कर दी गई।

अब यदि विश्वविद्यालय की 112 हैक्टेयर जमीन पर्यटन गांव परियोजना के लिए इस्तेमाल की जाती है तो सीएसकेएयू के विस्तार के लिए ज्यादा गुंजाइश नहीं बचेगी। प्रार्थी संस्था के अनुसार कृषि शोध के लिए निर्धारित जमीन का इस्तेमाल पर्यटन गांव बनाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। पालमपुर में सीएसकेएयू के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने प्रस्तावित पर्यटन गांव बनाने के लिए अपनी 112 हैक्टेयर जमीन पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने के लिए अपनी सहमति पहले ही दे दी है।

सीएसकेएयू के कर्मचारी संगठन और पालमपुर के कई अन्य संगठन कृषि विश्वविद्यालय की जमीन पर पर्यटन गांव बनाने का विरोध कर रहे हैं और इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार कृषि विश्वविद्यालय से ली गई जमीन पर पर्यटन गांव बनाने का प्रस्ताव कर रही है। प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव कृषि, प्रधान सचिव पर्यटन व अन्यों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
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